भारतीय खिलाड़ी केएल राहुल (KL Rahul) मैदान पर काफी शांत दिखाई देते हैं और कुछ ज्यादा व्यक्त नहीं करते हैं। ऐसे में सभी को लगता है कि यह खिलाड़ी एक शांत स्वाभाव का व्यक्ति है लेकिन खुद राहुल ने खुलासा किया है कि उनके अंदर काफी आक्रामकता है। इसके अलावा उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) का भी उदाहरण दिया कि किस तरह थोड़ा गुस्सा कुछ खिलाड़ियों से श्रेष्ठ निकलवाता है।
विराट कोहली को मैदान पर बेहद ही आक्रामक रवैये के लिए जाना जाता है और अगर कोई उनसे उलझता है तो फिर वह जवाब देने में जरा सा भी नहीं हिचकते। उन्होंने कई बार गेंदबाजों की स्लेजिंग का जवाब अपने बल्ले से जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए दिया है।
'ब्रेकफ़ास्ट विथ चैंपियंस' में केएल राहुल ने गुस्से के महत्व को बताते हुए कहा,
जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, मैं कभी भी बहुत शांत नहीं होना चाहता था। मुझे लगता है कि विराट ने भी यह कहा है। उसका सबसे अच्छा दोस्त उसका गुस्सा है। आप सीखते हैं कि उस क्रोध का उपयोग कैसे करें और इसे उचित चीजों में कैसे करें। हर किसी में एक आग है। मुझे लगता है कि अगर आपके अंदर आग नहीं है तो आप क्रिकेट या जीवन में कुछ भी नहीं खेल सकते हैं।
केएल ने टेस्ट कप्तानी मिलने को लेकर किया खुलासा
कुछ समय पहले ही केएल राहुल को भारत की टेस्ट कप्तानी करने का मौका मिला था। दक्षिण अफ्रीका दौरे के दूसरे टेस्ट के दौरान तत्कालीन कप्तान विराट कोहली पीठ में परेशानी के चलते उस मैच में नहीं खेल पाए और तब राहुल को कप्तानी का मौका मिला था। राहुल ने खुलासा किया कि कैसे कोहली ने बस के दौरान इस बात की सूचना दी। उन्होंने कहा,
जब मुझे जोहानसबर्ग में एक टेस्ट मैच में देश की कप्तानी करने का मौका मिला, तो यह अचानक हुआ। विराट ने मैच की सुबह बस में मुझसे कहा कि 'मैं यह मैच नहीं खेल सकता क्योंकि मेरी पीठ में अकड़न है'। जब तक मैं बस में था और जब तक मैं वार्मअप के लिए मैदान पर नहीं पहुंचा, तब तक मैं यही सोच रहा था कि विराट एक छोटी सी चोट के कारण मैच को मिस नहीं कर सकता।
राहुल ने यह भी बताया कि भारतीय ब्लेज़र पहनकर टॉस के लिए चलते हुए उन्हें कितना अच्छा लगा। उन्होंने आगे कहा,
वार्मअप के बाद कोच ने मुझसे कहा कि मुझे ब्लेज़र पहनकर टॉस के लिए जाना है। मेरे पास ब्लेज़र नहीं था इसलिए मुझे विराट का उधार लेना पड़ा। जब मैं सीढ़ियों से नीचे उतर रहा था तो मेरे दिमाग में था कि 'यह मुझ पर अच्छा लग रहा है'। मैं हमेशा आश्वस्त और खुश था।
हालांकि राहुल का कप्तान के तौर पर डेब्यू टेस्ट याद रखने लायक नहीं था क्योंकि इस मैच में भारत को हार का सामना करना पड़ा था।