न्‍यूजीलैंड के खिलाड़ी के आजीवन प्रतिबंध में हुआ सुधार, घरेलू क्रिकेट में वापसी की मिली अनुमति

लू विंसेंट पर आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया गया है
लू विंसेंट के आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया गया है

न्‍यूजीलैंड (New Zealand Cricket Team) के पूर्व बल्‍लेबाज लू विंसेंट (Lou Vincent) घरेलू क्रिकेट या निचले स्‍तर की क्रिकेट गतिविधि में तत्‍काल प्रभाव से शामिल हो सकते हैं। इंग्‍लैंड एंड वेल्‍स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने 2014 में भ्रष्‍टाचार के आरोप में विंसेंट पर लगाए आजीवन प्रतिबंध में सुधार किया है।

ईसीबी के क्रिकेट अनुशासन आयोग ने अपने बयान में कहा कि वो विंसेंट पर आजीवन प्रतिबंध को रद्द कर रहा है। बता दें कि विंसेंट की अपील के बाद सीडीसी का यह फैसला आया है। 2014 में ईसीबी ने विंसेंट पर आजीवन प्रतिबंध लगाया था। उन्‍हें किसी भी स्‍तर पर क्रिकेट खेलने की अनुमति नहीं थी। विंसेंट को क्रिकेट के मैदान या कोचिंग करने की इजाजत नहीं थी क्‍योंकि कीवी क्रिकेटर ने स्‍वीकार किया था कि उन्‍होंने बेईमानी की थी।

विंसेंट पर 2008 में ससेक्स में उनके कार्यकाल के दौरान हुई घटनाओं और 2011 चैंपियंस लीग ट्वेंटी20 में किए गए सात अपराधों के संबंध में 11 आजीवन प्रतिबंध लगाए गए थे।

सीडीसी का प्रतिनिधित्‍व कर रहे गेराल्‍ड इलियास ने कहा कि उन्‍होंने विंसेंट का प्रतिबंध हटाने का फैसला केवल विंसेंट से बातचीत करके नहीं लिया बल्कि आईसीसी, न्‍यूजीलैंड क्रिकेट और ईसीबी से भी बातचीत की। इलियास ने कहा कि आजीवन प्रतिबंध को कम करने के लिए 'ठोस और सम्मोहक' कारणों की आवश्यकता थी, जो विंसेंट ने प्रदान किये।

45 साल के लू विंसेंट ने आजीवन प्रतिबंध से राहत मिलने पर कहा कि वो काफी भाग्‍यशाली हैं कि क्रिकेट में वापसी कर पा रहे हैं। उन्‍होंने कहा, 'मैंने कई सालों पहले बड़ी गलती की थी, जिसका सारी जिंदगी मलाल रहेगा। मैंने जो नुकसान किया, उसके लिए माफी मांगता रहूंगा। क्रिकेट माहौल में वापसी करना मेरे लिए दुनिया है और दोबारा यह मौका मिलना मेरे लिए भाग्‍य की बात है।'

2007 में न्‍यूजीलैंड के लिए आखिरी बार खेलने वाले लू विंसेंट ने प्रतिबंध के बाद रगलान नामक छोटे शहर में बिल्‍डर के रूप में अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की थी। विंसेंट ने प्रतिबंध हटने के बाद कहा कि वो अपने परिवार के साथ क्रिकेट मैच देखेंगे, जिसके लिए उन्‍हें रोका गया था। विसेंट ने न्‍यूजीलैंड क्रिकेट और एनजेडपीए व अपने वकील क्रिस मॉरिस को धन्‍यवाद दिया, जिनके समर्थन से वो वापसी करने में कामयाब रहे।

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Edited by Prashant Kumar
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