मनदीप सिंह (Mandeep Singh) ने आईपीएल (IPL) में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (Royal Challengers Bangalore) में बिताए अपने समय को याद किया। वो इस समय दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) का हिस्सा हैं। मंदीप ने आईपीएल में चार सीजन आरसीबी के साथ बिताए। फ्रेंचाइजी के साथ अपने खेलने वाले दिनों को याद करते हुए मनदीप ने कहा कि वो विराट कोहली (Virat Kohli) का ट्रेनिंग के प्रति जुनून देखकर हैरान रह गए थे।
मनदीप ने 2015 से 2018 तक आरसीबी का प्रतिनिधित्व किया और उनका प्रदर्शन साधारण रहा। एक समय भारतीय क्रिकेट के उभरते हुए सितारे माने जा रहे मनदीप उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके।
हालांकि, 30 साल के मनदीप ने शेयरचैट ऑडियो चैटरूम सेशन में बातचीत करते हुए कहा कि विराट कोहली की फिटनेस देखकर वो हैरान हुए और यही वजह है कि आरसीबी के पूर्व कप्तान टी20 इंटरनेशनल में निरंतर बेहतर बल्लेबाजी करते हुए आए हैं।
मनदीप सिंह ने कहा, 'जब मैं आरसीबी से जुड़ा तो ट्रेनिंग के प्रति विराट कोहली का जुनून देखकर हैरान था। उनकी फिटनेस शानदार थी, जिसके कारण वो टी20 क्रिकेट में निरंतर बेहतर प्रदर्शन करते हैं। इससे गेंदबाजों को सुधार करने में मदद मिलती है और टेस्ट क्रिकेट को भी मदद मिली।'
घरेलू क्रिकेट में पंजाब के लिए खेलने वाले मनदीप सिंह ने बताया कि कैसे रिकी पोंटिंग और ऋषभ पंत ने दिल्ली कैपिटल्स को पेशेवर फ्रेंचाइजी बनाया। उन्होंने कहा कि हेड कोच पोंटिंग सभी को बराबर मानते हैं और मैदान के अंदर व बाहर उनका ध्यान अनुशासन पर होता है।
मनदीप सिंह ने कहा, 'रिकी पोंटिंग और ऋषभ पंत ने दिल्ली कैपिटल्स को पेशेवर फ्रेंचाइजी बनाया है। पोंटिंग को अनुशासन और समर्पण पसंद है और सभी के साथ बराबरी का बर्ताव करते हैं।'
मनदीप सिंह ने भारत के लिए तीन टी20 खेले और उन्होंने जिंबाब्वे के खिलाफ 2016 में अपने डेब्यू का एक मजेदार किस्सा बताया। मंदीप ने कहा कि कैसे धोनी ने उनसे डेब्यू से पहले बातचीत की थी।
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा, 'मैं आईपीएल में खेल रहा था जब भारतीय टीम में अपने सिलेक्शन का पता चला। मेरे पिता हमेशा मुझे बोलते थे कि अगर मैं क्रिकेट खेलूं तो भारत का प्रतिनिधित्व जरूर करूं। मैं अपने डेब्यू से एक दिन पहले लिफ्ट में माही भाई से मिला और उन्होंने मुझे अगले दिन तैयार रहने को कहा। मैदान पर रहने का अनुभव शानदार था।'
मंदीप सिंह ने तीन मैचों में 87 रन बनाए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 52 रन था। इसके बाद वो दोबारा कभी भारतीय टीम में जगह नहीं बना सके।