Manoj Tiwari Big Statement on Gautam Gambhir: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय टीम का जिस तरह का प्रदर्शन रहा, उससे फैंस काफी निराश हैं। खिलाड़ियों के साथ-साथ टीम के हेड कोच गौतम गंभीर भी फैंस के निशाने पर हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि गंभीर की कुर्सी खतरे में है। इसी बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी के एक बयान से खलबली मच गई है, जिसमें उन्होंने गंभीर को दोगला बताया है।
गौतम गंभीर पाखंडी हैं- मनोज तिवारी
मनोज तिवारी का कहना है कि गंभीर जो कहते हैं, वो करते नहीं हैं। वो पाखंडी हैं। उन्होंने BGT ट्रॉफी में मिली हार के बाद सभी मुद्दों से निपटने के लिए रोहित शर्मा को आगे रखा है। इसी के साथ उन्होंने गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल पर भी सवाल उठाए। तिवारी ने कहा कि ऐसे गेंदबाजी कोच का क्या फायदा, जो हर बात में हेड कोच की हां में हां मिलाए। उन्होंने मोर्कल और अभिषेक नायर को इसलिए अपने साथ जोड़ा हुआ है क्योंकि उन्हें पता है ये दोनों कभी उनके खिलाफ नहीं जाएंगे।
गौतम गंभीर ने अकेले दम पर केकेआर को खिताब नहीं जिताया- मनोज तिवारी
इसी के साथ केकेआर के पूर्व खिलाड़ी तिवारी ने गंभीर पर क्रेडिट चुराने का भी बड़ा आरोप लगाया। उनके मुताबिक टीम इंडिया के हेड कोच का पीआर ऐसा माहौल बनाता है, जिसके चलते जीत का क्रेडिट उन्हें मिल जाता है। इसके लिए उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम का उदाहरण दिया। तिवारी ने कहा,
"गौतम गंभीर ने अकेले दम पर केकेआर को खिताब नहीं जिताया, बल्कि हम सभी ने एक यूनिट की तरह मिलकर प्रदर्शन किया था। कैलिस, नरेन और मैं, सभी ने इसमें योगदान दिया। लेकिन इसका श्रेय किसने लिया? ऐसा माहौल और पीआर है जो गंभीर को सारा श्रेय लेने में मदद करता है।"
तिवारी द्वारा लगाए इन आरोपों के बाद नितीश राणा, गंभीर का सपोर्ट करते नजर आए। राणा ने अपने ट्वीट में लिखा,
"आलोचना तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए न कि व्यक्तिगत मुद्दों पर। गौती भैया उन सबसे निस्वार्थ खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्हें मैंने कभी देखा है। वह मुश्किल समय में किसी अन्य की तरह जिम्मेदारी उठाते हैं। प्रदर्शन को किसी पीआर की आवश्यकता नहीं है। ट्रॉफी खुद ही सब कुछ बयां कर देती हैं।"