इंग्लैंड के पूर्व सलामी बल्लेबाज मार्क बुचर ने द हंड्रेड टूर्नामेंट में भारतीय प्लेयर्स के खेलने को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि इंडिया-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के शेड्यूल में बदलाव को लेकर भारत की मांग को ईसीबी को मान लेना चाहिए था। इसके बदले वो भारतीय खिलाड़ियों को द हंड्रेड टूर्नामेंट में खिलाने की शर्त रख सकते थे। मार्क बुचर के मुताबिक ईसीबी ने एक बड़ा मौका मिस कर दिया है।
दरअसल बीसीसीआई ने भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों के टेस्ट सीरीज के शेड्यूल में बदलाव की मांग की थी। बीसीसीआई चाहती थी कि शेड्यूल में बदलाव किया जाए ताकि आईपीएल के बचे हुए मैचों के लिए विंडो मिल सके और इसका आयोजन कराया जा सके। हालांकि इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और कहा कि मैचों का आयोजन अपने तय शेड्यूल के मुताबिक ही होगा।
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इंग्लैंड बोर्ड भारतीय प्लेयर्स के द हंड्रेड टूर्नामेंट में खेलने की शर्त रख सकता था
मार्क बुचर के मुताबिक बीसीसीआई की बात ना मानकर इंग्लैंड ने एक बड़ा मौका गंवा दिया है। विजडन क्रिकेट के वीकली पोडकास्ट में उन्होंने कहा " मेरे हिसाब से एक बड़ा मौका हाथ से जाने दिया गया है। ईसीबी द हंड्रे़ड को सफल बनाने के लिए काफी मेहनत कर रही है लेकिन हर बार यही लगता है कि बड़े देश इसका आयोजन नहीं होने देना चाहते हैं। ऐसे में उनके पास ये बढ़िया मौका था। उन्हें बीसीसीआई की बात मान लेनी चाहिए थी और बदले में ये कहना चाहिए था कि कोहली, धोनी जो भी प्लेयर उपलब्ध हों वो द हंड्रेड टूर्नामेंट में खेलें।"
मार्क बुचर के मुताबिक यहां पर ईसीबी का पलड़ा भारी था और वो आसानी से अपनी बात मनवा सकते थे। क्योंकि अगर आईपीएल का आयोजन नहीं होता है तो फिर बीसीसीआई को काफी नुकसान होगा।