बांग्लादेश के दिग्गज के घर को आंदोलनकारियों ने फूंका, 2007 वनडे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का गेंदबाजी से किया था बुरा हाल

Photo Credit: X@SudhirA24362887 and X@shishir_bin
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Mashrafe Murtaza house set on fire: शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद इन दिनों बांग्लादेश में हालात बेहद खराब नजर आ रहे हैं। हसीना मौजूदा समय में भारत में हैं और बांग्लादेश की राजधानी ढाका में कोहराम मचा हुआ है। बांग्लादेश में फैली हिंसा की आग ने दिग्गज खिलाड़ी मशरफे मुर्तजा के घर को भी नहीं छोड़ा। प्रदर्शनकारियों ने अपने ही देश की क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान के घर को आग लगा दी, जिसकी एक अहम वजह भी सामने आई है।

प्रदर्शनकारियो मशरफे मुर्तजा के घर को लगाई आग

दरअसल, मशरफे मुर्तजा पिछले लम्बे से शेख हसीना की पार्टी से जुड़े हुए हैं। इस समय वह अवामी लीग के सांसद भी हैं। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद, हजारों लोगों ने पीएम आवास पर कब्जा जमा लिया है। इतना ही नहीं आवास पर उन्होंने जमकर तोड़फोड़ की है और वहां की कुछ चीजों को भी चुरा लिया है।

प्रदर्शनकारी पूरे ढाका में उत्पात मचा रहे हैं। उन्होंने जीसीबी की मदद से शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्तियों को तोड़ दिया है। इसके अलावा लोग सरकारी दफ्तरों से शेख हसीना की तस्वीरों को फाड़कर फेंक रहे हैं।

गौरतलब हो कि मुर्तजा ने 2007 वर्ल्ड कप में भारत के खिलाफ अपनी टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने 38 रन देकर 4 विकेट हासिल किए थे। बांग्लादेश से हारने के बाद टीम इंडिया ग्रुप स्टेज से ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी।

बंगलदेश में हिंसा भड़कने की वजह

बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन की मुख्य वजह आरक्षण है। दरअसल, यहां सरकारी नौकरियों मे 56 फीसदी आरक्षण लागू किया गया है। इसमें से 30 प्रतिशत आरक्षण अकेले 1971 के मुक्ति संग्राम में शामिल होने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को मिलता है। इसके अलावा 10 प्रतिशतआरक्षण सामाजिक-आर्थिक तौर पर पिछड़े जिलों के लिए तय किया गया है और 10% आरक्षण महिलाओं के लिए है, जबकि 5 प्रतिशत आरक्षण जातिगत अल्पसंख्यक समूहों के लिए तय किया गया है और एक फीसदी दिव्यांगों के लिए भी रखा गया है।

प्रदर्शनकारी स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को मिलने वाले 30% आरक्षण से नाराज हैं। उनका मानना है कि इसकी वजह से मेरिट वाले नौजवानों को नौकरी पाने का अवसर नहीं मिलता। उनकी जगह आयोग्य लोगों को सरकारी नौकरी मिल रही है। हालांकि, छात्रों के विरोध के बाद इस आरक्षण के कोटे को कम कर दिया गया था। लेकिन वे शेख हसीना के पीएम पद से इस्तीफा ना देने की वजह से प्रदर्शन कर रहे थे।

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Edited by Neeraj Patel
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