बॉक्सिंग डे टेस्ट के तीसरे दिन टिम पेन (Tim Paine) के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज मैथ्यू वेड (Matthew Wade) ने डीआरएस कॉल पर निरंतरता का आह्वान किया। इस मामले को लेकर कमेंट्री और सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। भारत की ओर से रेफरल के बाद रविन्द्र जडेजा की गेंद पर ऑस्ट्रेलिया के कप्तान को कैच आउट दिया गया। हालांकि हॉटस्पॉट ने एक किनारे का कोई सबूत नहीं दिखाया, तीसरे अंपायर पॉल विल्सन ने नियमों को सही तरीके से लागू किया और जब रियल टाइम स्निको (आरटीएस) ने गेंद को बल्ले से से टच होना दिखाया, तब ऑन-फील्ड अम्पायर के निर्णय निर्णय को पलट दिया गया।
वेड ने डीआरएस में एकरूपता की बात इसलिए कही क्योंकि एक दिन पहले इस तरह के मामले में चेतेश्वर पुजारा को आउट नहीं दिया गया था। हालांकि उसमें यह माना गया था कि गेंद ने बल्ले को टच नहीं किया था बल्कि पैड से बल्ला टकराया था। इस वजह से पुजारा को नॉट आउट दिया गया।
मैथ्यू वेड का बयान
वेड ने कहा कि मुझे लगता है कि यह उसी तरह का मामला था जब कल पुजारा के मामले में पहली गेंद को रेफर किया गया था। सभी रिपोर्ट और वीडियो मैंने देखा और स्निको से कुछ इस तरह की स्थिति दिखाई दी थी। एक को आउट नहीं दिया गया और दूसरे को आउट दिया गया।
वेड से साफ़ कहा कि मैं पहली स्लिप में खड़ा था और पुजारा का बल्ला लगा था और मैंने इसे सुना भी था। यह छोटा स्पाइक था। आउट हो या नॉट आउट, इसमें निरन्तरता बनी रहनी जरूरी है। गौरतलब है कि 2013-14 के एशेज में आईसीसी ने साफ़ किया था कि हॉटस्पॉट पर निशान होना निर्णय के लिए पक्का सबूत है। इसमें यह भी कहा गया कि हॉटस्पॉट पर निशान नहीं है, तो स्निको मीटर को निर्णय के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। टिम पेन के मामले में भी ऐसा किया गया।