पिंक बॉल हर टेस्ट में इस्तेमाल करने की मांग फिर से उठी है। पूर्व इंग्लिश कप्तान माइकल वॉन का मानना है कि खराब रौशनी से बचने के लिए टेस्ट मैचों में अब पिंक बॉल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। फ़िलहाल डे-नाईट मैचों में ही पिंक बॉल टेस्ट खेला जाता है।
इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन खराब रोशनी के कारण कई बार खेल रोकना पड़ा। दिन का खेल भी खराब रोशनी के काण खत्म कर देना पड़ा और लगभग 45 ओवर्स खराब गए। इस मैच से पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ भी बारिश के कारण मैच में पूरा एक दिन ही बर्बाद हो गया था पूर्व इंग्लिश कप्तान माइकल वॉन का मानना है कि खराब रोशनी से बचने के लिए टेस्ट मैचों में अब पिंक बॉल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
पिछले ही महीने पूर्व इंग्लिश कप्तान नासिर हुसैन ने भी कहा था कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) को खराब रोशनी से निपटने और बारिश का खलल पड़ने से खेल को बचाने के लिए कुछ उपाय लाना होगा।
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पिंक बॉल के इस्तेमाल से मिलेगा खराब रौशनी से छुटकारा- वॉन
वॉन का मानना है कि यदि टेस्ट में पिंक बॉल का इस्तेमाल किया जाए तो फिर खराब रोशनी के कारण मैच को रोकना नहीं पड़ेगा।
वॉन ने कहा, "खेल के लिए यह काफी खराब दृश्य है। जितना ज़्यादा ही मैं इसे देख रहा हूं और खास तौर से इंग्लैंड में तो पिंक बॉल इसका उपाय हो सकता है। हमेशा इसी गेंद से खेलिए।" शेन वॉर्नर ने भी वॉन की बात का समर्थन किया है।
टेस्ट क्रिकेट में दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले पूर्व ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने भी वॉन का समर्थन किया है और ट्विटर पर लिखा कि वह पिंक बॉल के इस्तेमाल को लेकर लंबे समय से आवाज उठा रहे हैं। फिलहाल पिंक बॉल का इस्तेमाल केवल डे-नाइट टेस्ट में ही किया जाता है जिसे पहली बार नवंबर-दिसंबर 2015 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था।
हालांकि, अब तक केवल 14 डे-नाइट टेस्ट ही खेले गए हैं और उनमें भी ज़्यादातर में ऑस्ट्रेलिया ने हिस्सा लिया है।