इंग्लैंड (England Cricket team) के पूर्व कप्तान माइकल वॉन (Michael Vaughan) ने खुलासा किया कि वह टेस्ट मैचों में भी रणनीतिक टाइम-आउट का परिचय चाहते हैं। वह चाहते हैं कि मैच के दौरान कोच के पास समय हो कि वह कप्तान और खिलाड़ियों से मैदान पर बातचीत कर सके।
दुनियाभर की घरेलू लीग में रणनीतिक टाइम आउट आम हो चुका है। 150 सेकंड का ब्रेक आईपीएल में कई सालों से नजर आ रहा है। हमने इसी प्रकार का नियम द हंड्रेड में भी जुड़ते देखा।
माइकल वॉन ने ध्यान दिलाया कि रणनीतिक टाइम आउट कोच के लिए अच्छा अवसर है कि वह अपने खिलाड़ियों से मैच के दौरान बातचीत कर सके और मैदान में चीजें बदले। वैसे, हस्तक्षेप करने के कई तरीके अब भी हैं, लेकिन वॉन का मानना है कि खेल में इस तरह के ब्रेक खेल के लिए स्वागत योग्य जोड़ है।
वॉन ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, 'अंतरराष्ट्रीय कोचों को भले ही रणनीतिक टाइम-आउट का फायदा नहीं मिलता जैसा कि हमने द हंड्रेड में देखा- एक आविष्कार, जिसका मैं टेस्ट क्रिकेट में स्वागत करना चाहूंगा- मगर हस्तक्षेप करने के कई तरीके हैं।'
पूर्व इंग्लिश बल्लेबाज लॉर्ड्स टेस्ट में भारत के खिलाफ इंग्लैंड के कोच क्रिस सिल्वरवुड के हस्तक्षेप को नहीं पाकर काफी नाराज हुए। वॉन का मानना है कि आविष्कार से कोच को ज्यादा मदद मिलेगी, जो मैदान पर खिलाड़ियों को ज्यादा इनपुट दे सकेगा।
द हंड्रेड में रणनीतिक टाइम-आउट से प्रभावित हैं माइकल वॉन
द हंड्रेड में गेंदबाजी टीम को पारी के दौरान 150 सेकंड का रणनीतिक टाइम आउट मिलता है। इस नियम ने न सिर्फ माइकल वॉन बल्कि कई अन्य खिलाड़ियों और विशेषज्ञों को प्रभावित किया है।
लीग शुरू होने से पहले द हंड्रेड के बारे में बातचीत करते हुए चार्लोट एडवर्ड्स ने टाइम-आउट के लिए अपनी मंजूरी दी थी।
एडवर्ड्स ने कहा था, 'मेरे ख्याल से कोचों के लिए यह अच्छा है जो आप खिलाड़ी होने के नाते नोटिस नहीं कर पाते, वो आपको बता पाएंगे। साथ ही कप्तान के रूप आप अधिकांश अंदर के सर्कल में फील्डिंग कर रहे होते हैं तो खिलाड़ी काफी दूर नजर आते हैं। इस विकल्प से आपको सभी को अपनी बात बताने की अनुमति मिलती है। आप अपने विचार और रणनीति की जानकारी ब्रेक में सभी खिलाड़ियों को दे सकते हैं।'
अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या टी20 लीग का यह नियम जल्द ही क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में देखने को मिलेगा।