पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सरफराज अहमद द्वारा इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में 12वें खिलाड़ी के तौर पर ड्रिंक और शूज ले जाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया आई थी। शोएब अख्तर जैसे पूर्व क्रिकेटरों ने इसकी काफी आलोचना की थी और कहा था कि सरफराज अहमद पूर्व कप्तान हैं और उनसे ऐसा नहीं कराया जाना चाहिए था। हालांकि पाकिस्तान टीम के मुख्य कोच मिस्बाह उल हक ने कहा है कि सरफराज अहमद टीम भावना वाले खिलाड़ी हैं और इसमें उनके अपमान की कोई बात ही नहीं है।
मिस्बाह उल हक ने कहा कि जब मैं कप्तान था तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच मैं 12वें खिलाड़ी के तौर पर ड्रिंक लेकर गया था। इसमें कोई शर्मा की बात नहीं है। सरफराज टीम भावना वाले खिलाड़ी हैं। उन्हें पता है कि बेंच पर बैठे खिलाड़ी जब लगातार ट्रेनिंग करते रहते हैं तो जो भी प्लेयर उपलब्ध होता है वो ये सामान लेकर मैदान में जाता है। इसमें उनके अपमान का कोई सवाल ही नहीं है।
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शादाब खान के लिए जूते और ड्रिंक लेकर गए थे सरफराज अहमद
आपको बता दें कि इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन सरफराज अहमद 12वें खिलाड़ी के रूप में नजर आए थे। वो 71वें ओवर में शादाब खान के लिए ड्रिंक और शूज लेकर गए थे। शोएब अख्तर ने इस चीज की काफी आलोचना की थी।
शोएब अख्तर ने कहा, मुझे वो तस्वीरें पसंद नहीं आईं। अगर आप कराची के लड़के के साथ ऐसा उदाहरण पेश करना चाहते हैं तो फिर ये गलत है। आप उस प्लेयर के साथ ऐसा नहीं कर सकते हैं जिसने 4 साल तक पाकिस्तान टीम की कप्तानी की और चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दिलवाया। आपने उससे जूते उठवाए। अगर सरफराज अहमद ने ये खुद से किया है तो फिर उसे रोकना था। वसीम अकरम कभी मेरे लिए जूते नहीं लाए थे।'
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शोएब अख्तर ने आगे कहा, इससे पता चलता है कि सरफराज अहमद टीम में कितने कमजोर हैं। इसी वजह से मिकी आर्थर उनको अपने काबू में रखते थे। मैं ये नहीं कह रहा कि जूते ले जाना कोई गलत काम है लेकिन पूर्व कप्तान ऐसा नहीं कर सकता है।