विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन न करने के बाद पाकिस्तान क्रिकेट में काफी उथल-पुथल मची हुई है। 27 वर्षीय तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। इतनी कम उम्र में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की वजह उन्होंने सीमित ओवरों के क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करना बताई। आमिर के इस तरह अचानक संन्यास लेने की घोषणा के लिए पाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज राशिद लतीफ ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को जिम्मेदार ठहराया है।
राशिद लतीफ ने कहा कि पीसीबी ने जल्दबाजी में आमिर को राष्ट्रीय टीम में शामिल करने की मंजूरी दे दी थी। उसके बाद आमिर ने 2017 में ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का मन बना लिया था लेकिन कोच मिकी ऑर्थर और तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष उन्हें मनाने में सफल रहे थे। अगर पीसीबी उन्हें जल्दबाजी में लाने के लिए उतावला न होता तो प्रतिबंध खत्म होने के बाद चीजें अलग हो सकती थी।
उन्होंने आगे कहा कि 2018 में भी आमिर ने वनडे और टी-20 क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की कोशिश की थी लेकिन उनका खेलना किसी तरह जारी रहा। आमिर अभी महज 27 साल के ही हैं। उन्होंने करियर में 119 विकेट झटके हैं। उन्हें 200 मैच खेलने चाहिए। देश के लिए खेलना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। आमिर टी-20 लीग खेलने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्हें अपने परिवार की सुरक्षा का पूरा अधिकार है लेकिन देश को भी वरीयता देनी चाहिए। अगर पीसीबी खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट छोड़कर लीग पर ध्यान देने की अनुमति देता है तो पाकिस्तान क्रिकेट तबाह हो जाएगा।
पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि इस तरह तो दूसरे खिलाड़ी भी देश की तरफ से खेलने की बजाए पैसा कमाने के लिए लीग में खेलना पसंद करेंगे। अब समय आ गया है कि पीसीबी को न सिर्फ आमिर बल्कि अन्य खिलाड़ियों से भी बात करनी चाहिए, जो टेस्ट क्रिकेट को आगे नहीं ले जाना चाहते हैं। समय पर कार्रवाई की जाए नहीं तो ऐसा न हो कि चीजें पीसीबी के हाथ से निकल जाएं।
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