भारतीय खिलाड़ी मोहम्मद कैफ एक विवाद में घिर गए हैं। विजय हजारे ट्रॉफी में छतीसगढ़ की कप्तानी करते हुए वे अपनी टीम को लेकर मैदान से बाहर चले गए। उनकी अपील को अम्पायर द्वारा नकारे जाने के बाद कैफ ने ऐसा किया। विजय हजारे ट्रॉफी में कर्नाटक और छतीसगढ़ के बीच कोलकाता के जाधवपुर यूनिवर्सिटी मैदान पर मैच के दौरान ऐसा हुआ। 200 रनों के बचाव में गेंदबाजी कर रही छतीसगढ़ के लिए कर्नाटक के ओपनर बल्लेबाजों ने मुश्किलें पैदा कर दी. क्षेत्ररक्षकों को लगा कि ओमकार वर्मा की गेंद पर कर्नाटक के बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के बल्ले का किनारा लगकर गेंद कीपर के पास गई है, इसके बाद उन्होंने जोरदार अपील की। स्ट्राइक छोर पर खड़े अम्पायर वीरेंदर शर्मा ने अपने साथी अम्पायर उमेश दूबे से वार्तालाप कर निर्णय बल्लेबाज के पक्ष में दिया। इस फैसले से असंतुष्ट कैफ ने अम्पायर से बात करके इसमें तीसरे अम्पायर का हस्तक्षेप चाहा। लेकिन उनकी बात को ठुकराने के बाद कैफ अपनी टीम को लेकर मैदान से बाहर चले गए। विजय हजारे ट्रॉफी भारतीय घरेलू टूर्नामेंट है जिसमें 50 ओवर के मैच होते हैं। इसके क्वार्टर फाइनल मुकाबले 13 मार्च से होने हैं। मैच रेफरी नितिन गोयल ने बीच में हस्तक्षेप कर मामले को शांत किया, तब खिलाड़ी वापस मैदान पर आए. मैच के बाद एक सुनवाई में पूरी तरह से इस घटना के लिए मोहम्मद कैफ को जिम्मेदार माना गया। उन्हें चेतावनी दी गई और मैच फीस काटने के बारे में भी कहा गया। जिस बल्लेबाज को लेकर सवाल किया गया था उसकी मौजूदगी में कर्नाटक ने इस मैच को तीन विकेट से अपने नाम कर लिया। मयंक अग्रवाल 66 गेंदों में 76 रन बनाकर सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। उन्हें कप्तान मनीष पांडे का बखूबी साथ मिला जिन्होंने 34 रन बनाए। यह देखना दिलचस्प होगा कि कैफ पर अनुशासन को लेकर क्या फैसला लिया जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय मैचों में कैफ हमेशा विवादों से दूर ही रहे हैं।