भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ ने बताया कि वो और युवराज सिंह ज्यादा टेस्ट क्यों नहीं खेल पाए। कैफ का मानना है कि सचिन तेंदुलकर, वीरेंदर सहवाग और राहुल द्रविड़ जैसे बड़े नामों के कारण ही युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को क्रिकेट के सबसे बड़े प्रारूप में ज्यादा मौके नहीं मिले।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए मोहम्मद कैफ ने कहा कि उन्हें जल्दी ही टीम में लाया गया। उनका मानना था कि जितने भी मौके मिले, इसमें उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि इसके बावजूद वो कभी भी टीम में अपनी जगह को पक्की नहीं कर पाए।
मोहम्मद कैफ ने कहा,
"भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंदर सहवाग जैसे बड़े खिलाड़ी थे। इसी वजह से मुझे और युवराज सिंह को ज्यादा टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिला। युवराज को फिर भी मुझसे ज्यादा मौके मिले। मुझे 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ नागपुर में चोटिल खिलाड़ी की जगह खेलने का मौका मिला। मैंने 91रन बनाए थे, लेकिन जैसे ही वो खिलाड़ी फिट हो गया, तो मुझे ड्रॉप कर दिया गया। हमारी टीम इतनी मजबूत थी कि मुझे ज्यादा मौके नहीं मिले। हालांकि सचिन और द्रविड़ जैसे लैजेंड ने हमें काफी प्रेरित किया।
2000 में किया था मोहम्मद कैफ ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू
मोहम्मद कैफ ने मार्च 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट के जरिए अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत की। अपने करियर में कैफ ने 13 टेस्ट और 125 वनडे मुकाबले खेले। इस बीच कैफ ने 624 और 2753 रन बनाए।
अपने टेस्ट डेब्यू को लेकर मोहम्मद कैफ ने कहा,
"मुझे जब टेस्ट टीम में चुना गया था, तो काफी सरप्राइज हुआ था। भारत पहली बार अंडर 19 वर्ल्ड कप जीता था, तो मीडिया में काफी हाइप थी। चैलेंजर ट्रॉफी में ज्यादातर अंडर 19 खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिला। मैंने लगातार 90+ स्कोर बनाए और इसी के बाद मुझे टेस्ट टीम में मौका मिला।
भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी ने माना कि उनमें अनुभव की कमी थी और इसी वजह से वो शॉन पोलक और एलन डोनाल्ड जैसे गेंदबाजों की गति को टैकल नहीं कर पाए। खराब प्रदर्शन के कारण टीम ने मुझे ड्रॉप कर दिया। हालांकि कैफ को घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद एक बार फिर टीम में मौका मिला।
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