मोहम्मद शमी के लिए आईपीएल 2025 के बीच फिर आई बुरी खबर, बहन और बहनोई के बाद अब एक और रिश्तेदार घोटाले में फंसा

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राशन कार्ड घोटाले में आया शमी के रिश्तेदार का नाम- Source: Getty

Mohammed shami relative accused ration card fraud: भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी इन दिनों आईपीएल में व्यस्त हैं, मोहम्मद शमी आईपीएल 2025 में काव्या मारन की टीम सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेल रहे हैं। आईपीएल की शुरुआत से ही शमी अपने खेल से ज्यादा अपने फैमिली मैटर की वजह से चर्चा में हैं। आईपीएल की शुरुआत में खबर आई थी कि उनकी बहन और बहनोई ने सरकारी स्कीन मनरेगा के साथ घोटाला किया है। हालांकि बड़े अधिकारियों और डीएम की जांच के बाद शमी की बहन और बहनोई को इस मामले से यह कहकर क्लीन चिट मिली थी कि वह पूरे घोटाले का पैसा भरेंगे। यह मामला शांत ही हुआ था, कि दूसरा मामला सामने आ गया है। सोशल मीडिया पर खबरें आ रही हैं कि शमी की बहन की सास का नाम राशन कार्ड घोटाले में सामने आया है। आपको विस्तार से बताते हैं पूरा मामला।

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राशन कार्ड घोटाले में आया शमी की बहन की सास का नाम

क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन व बहनोई को फर्जी मजदूर बनाकर उनके नाम पर सरकारी पैसा हड़पने की आरोपित ग्राम प्रधान गुले आयशा गरीबों में बंटने वाला मुफ्त राशन भी ले रही हैं। आयशा शमी की बहन की सास हैं, जो कि ग्राम प्रधान भी है। अपने अधिकारों का गलत फायदा उठाते हुए उन्होंने मनरेगा की स्कीम का इस्तेमाल किया, अब राशन कार्ड घोटाले में उनका नाम दर्ज हो गया है। दरअसल उनके राशन कार्ड में चार यूनिट दर्ज हैं। प्रकरण की सूचना मिलने पर डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं।

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करोड़पति होने के बाद भी लेती हैं गरीबों का राशन?

करोड़पति होने के बाद भी आयशा गरीबों का मुफ्त राशन पा रही हैं। उनके राशनकार्ड का नंबर 212740497129 है। वह पात्र गृहस्थी कार्डधारक हैं। यानि बीपीएल कार्डधारक। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक उनके राशन कार्ड में बेटी शहबा, एमबीबीएस कर रहे बेटे आमिर सुहेल व वकालत कर रहे बेटे मोहम्मद शेखू का नाम दर्ज है। यह राशनकार्ड वर्ष 2019 में बना है। हैरानी की बात ये है कि ई-केवाईसी कराने के दौरान भी उनके राशनकार्ड को निरस्त करने के प्रयास नहीं किए गए। डीलर और अधिकारी की लापरवाही के चलते आयशा हर महीने गरीबों का राशन खा रही थीं।

मामला संज्ञान में आते ही डीएम ने जांच शुरू करा दी है। यदि किसी व्यक्ति को राशनकार्ड बनवाना है तो वह ऑनलाइन आवेदन करेगा। ऑफलाइन भी पूर्ति विभाग में आवेदन कर सकता है। इसके बाद आवेदन विभाग ग्रामीण क्षेत्र में बीडीओ व शहरी में ईओ को जांच के लिए भेजता है। पूर्ति निरीक्षक स्वयं भी उसकी जांच कर सकते हैं। तत्पश्चात बीडीओ व ईओ स्तर से प्राप्त जांच के बाद क्षेत्र के पूर्ति निरीक्षक राशनकार्ड जारी करते हैं। निधि गुप्ता वत्स, डीएम ने जांच के दौरान कहा कि रिपोर्ट आने के बाद मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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Edited by सावन गुप्ता
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