महेंद्र सिंह धोनी द्वारा लिए गए हैरान करने वाले 4 फैसले जिससे भारतीय टीम को नुकसान हुआ 

भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके हैं महेंद्र सिंह धोनी
भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके हैं महेंद्र सिंह धोनी

महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने काफी सफलता हासिल की। 2007 से लेकर 2016 तक एमएस धोनी ने भारतीय टीम की कप्तानी की और इस बीच भारतीय टीम ने काफी कुछ हासिल किया। धोनी की कप्तानी में भारत ने 2007 वर्ल्ड टी20, 2011 वर्ल्ड कप. 2013 चैंपियंस ट्रॉफी और इसके अलावा टीम तीनों फॉर्मेट में नंबर 1 भी रही।

धोनी को भारतीय टीम का सबसे सफल कप्तान कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। हालांकि इसके बावजूद धोनी की कप्तानी में भारत ने काफी हार भी देखी है। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टीम का लचर प्रदर्शन इसका सबूत भी है।

यह भी पढ़ें: 3 दिग्गज भारतीय खिलाड़ी जिनके साथ युवराज सिंह आईपीएल में नहीं खेले हैं

इसके अलावा महेंद्र सिंह धोनी हमेशा से ही अपने फैसलों से सभी को चौंकाया है। उन्हें इससे काफी सफलता भी मिली है, लेकिन टीम को इसका नुकसान भी उठाना पड़ा।

इस आर्टिकल में हम ऐसे ही धोनी द्वारा लिए गए 4 फैसलों पर नजर डालेंगे, जिसका नुकसान भारतीय टीम को हुआ:

#) 2009 टी20 वर्ल्ड कप में युवराज सिंह से ऊपर रविंद्र जडेजा को बल्लेबाजी करने भेजना

रविंद्र जडेजा ने खेली बेहद धीमी पारी
रविंद्र जडेजा ने खेली बेहद धीमी पारी

इंग्लैंड में 2009 टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ था। सुपर 8 में भारत अपना पहला मुकाबला वेस्टइंडीज के खिलाफ हार गई थी और टीम का दूसरा मैच इंग्लैंड के खिलाफ हुआ। भारत के लिए यह करो या मरो का मुकाबला था। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 153-7 का स्कोर बनाया और भारत का स्कोर 24-2 था।

इस समय फॉर्म में चल रहे युवराज सिंह की जगह रविंद्र जडेजा को बल्लेबाजी के लिए भेजा गया। रविंद्र जडेजा ने इस मैच में 35 गेंदों में 25 रन बनाए और इस बीच उनका स्ट्राइक रेट 71.42 का रहा, जोकि काफी खराब है। जडेजा की यह पारी भारत की हार का मुख्य कारण रही और अंत में टीम इस मैच को 3 रन से हार गई। धोनी द्वारा जडेजा को युवी से पहले बल्लेबाजी भेजने का फैसला पूरी तरह से गलत था।

यह भी पढ़ें: आईपीएल इतिहास के 9 ऐसे मौके जब युवराज सिंह के जबरदस्त प्रदर्शन के बावजूद उनकी टीम को मिली हार

#) 2011 नॉटिंघम टेस्ट में इयान बेल को वापस बुलाना

इयान बेल को वापस बुलाने के बाद धोनी की काफी तारीफ हुई
इयान बेल को वापस बुलाने के बाद धोनी की काफी तारीफ हुई

भारत ने 2011 में इंग्लैंड का दौरा किया और सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच नॉटिंघम में खेला गया। इंग्लैंड ने पहली पारी में 221 रन बनाए, जिसके जवाब में भारत ने अपनी पहली पारी में 288 रन बनाए। इंग्लैंड की दूसरी पारी में ऐसी घटना हुई, जिसके कारण धोनी की काफी तारीफ तो हुई, लेकिन इसका नुकसान अंत में भारतीय टीम को ही हुआ।

दरअसल टी से पहले की आखिरी गेंद पर इयान बेल को लगा कि गेंद बाउंड्री पार चली गई है और टी समझकर वो क्रीज से बाहर थे, लेकिन प्रवीण कुमार ने उन्हें रनआउट कर दिया था। इसके बाद काफी विवाद हुआ, लेकिन चायकाल के बाद धोनी ने अपनी अपील को वापस ले लिया और उन्हें वापस बुला लिया। इस समय बेल ने 137बना लिए थे।

इसके बाद भले ही बेल ने 22 रन और जोड़े, लेकिन चायकाल के समय अगर धोनी अपील वापस नहीं लेते, तो नए सेशन में एक नया बल्लेबाज क्रीज पर होता और भारतीय टीम दबाव बना सकती थी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ और अंत में भारत इस मैच को 319 रन से हार गई थी।

#) 2012 में ऑस्ट्रेलिया में हुई ट्राई सीरीज में रोटेशन पॉलिसी

वीरेंदर सहवाग और गौतम गंभीर
वीरेंदर सहवाग और गौतम गंभीर

ऑस्ट्रेलिया, भारत और श्रीलंका के बीच 2012 में ऑस्ट्रेलिया में ट्राई सीरीज खेली गई। इस सीरीज की शुरुआत से ही महेंद्र सिंह धोनी ने जब सभी को हैरान कर दिया, तब उन्होंने इस बात का ऐलान किया कि रोटेशन पॉलिसी की तहत गौतम गंभीर, वीरेंदर सहवाग और सचिन तेंदुलकर एक साथ प्लेइंग इलेवन में नहीं खेलेंगे। उन्होंने इसके पीछे की वजह 2015 वर्ल्ड कप को बताया था।

हालांकि उनके इस फैसले की काफी आलोचना हुई थी और यहां तक कि खुद सीनियर प्लेयर्स भी इस फैसले से सहमतन नजर नहीं आए थे। इस ट्राई सीरीज के खत्म-खत्म होते टीम के प्रदर्शन के कारण रोटेशन पॉलिसी को खत्म ही कर दिया गया और तीनों को एक साथ खिलाया गया। तबतक काफी देर हो चुकी थी और भारतीय टीम फाइनल में जगह बनाने से चूक गई थी।

#) 2012 इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई टेस्ट में तीन स्पिनर्स को खिलाना

भारत 10 विकेट से हारा था मुंबई टेस्ट
भारत 10 विकेट से हारा था मुंबई टेस्ट

भारत और इंग्लैंड के बीच मुंबई में चार टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला खेला गया। भारत सीरीज में 1-0 से आगे था और धोनी ने दूसरे टेस्ट में प्लेइंग इलेवन में बड़ा बदलाव किया और टीम में हरभजन सिंह, रविचंद्रन अश्विन और प्रज्ञान ओझा के रूप में तीन स्पिनर्स को खिलाया। टीम में जहीर खान के रूप में सिर्फ एक ही तेज गेंदबाज था।

महेंद्र सिंह धोनी द्वारा लिया गया यह फैसला गलत साबित हुआ और टीम के पास गेंदबाजी में विविधता की कमी नजर आई। इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने भारतीय स्पिनर्स को आसानी से खेला और भारत के पास प्लान 2 था ही नहीं। इसका खामियाजा टीम ने 10 विकेट से इस मैच को गंवाकर चुकाया।

Quick Links

Edited by मयंक मेहता
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications