हाल ही में संन्यास लेने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा (Naman Ojha) ने भारतीय टीम (Indian Cricket Team) में चयन के तरीकों पर सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि आईपीएल के परफॉर्मेंस को डोमेस्टिक क्रिकेट से ज्यादा महत्व दिया जाता है। ओझा के मुताबिक भारतीय टीम में चयन आईपीएल के प्रदर्शन के आधार पर ज्यादा होता है।
37 साल के नमन ओझा ने 15 फरवरी को अपने संन्यास का ऐलान कर दिया था। उन्होंने अपने करियर में भारत के लिए कुल चार इंटरनेशनल मुकाबले खेले और उसमें 79 रन बनाए। वहीं डोमेस्टिक क्रिकेट में मध्य प्रदेश की तरफ से खेलते हुए उन्होंने 55 अर्धशतक लगाए। 146 फर्स्ट क्लास मैचों में उनका औसत 41.67 का रहा। विकेट के पीछ उन्होंने कुल 471 शिकार किए।
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नमन ओझा का पूरा बयान
2013 से 2015 के बीच नमन ओझा ने 7 रणजी ट्रॉफी मैचों में 835 रन बनाए थे। इसके अलावा इंडिया ए की तरफ से खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार तीन शतक भी जड़ा था।
स्पोर्ट्सकीड़ा पर इंद्रानिल बसु के साथ खास बातचीत में नमन ओझा ने कहा कि जब भी भारत के लिए किसी भी टीम का चयन होता है तो उसमें आईपीएल के परफॉर्मेंस को ज्यादा महत्व दिया जाता है। उन्होंने कहा,
अगर आप डोमेस्टिक क्रिकेट में रन बनाते हैं तो कोई उस पर ध्यान नहीं देगा। वहीं अगर आपने आईपीएल में दो अच्छी पारियां खेल दी तो फिर आपका चयन टेस्ट, वनडे या टी20 टीम में हो जाता है। मेरे हिसाब से टी20 टीम का चयन आईपीएल परफॉर्मेंस के आधार पर किया जा सकता है लेकिन वनडे और टेस्ट टीम आप यहां से नहीं सेलेक्ट कर सकते हैं। अगर ऐसा ही है तो फिर फर्स्ट क्लास क्रिकेट कोई क्यों खेले ? इतना पैसा क्यों खर्च किया जाए ? फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने के लिए काफी फिटनेस और अनुशासन की जरुरत होती है।
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