# 3 बहुत सारे ऑलराउंडरों को खिलाना
ऑलराउंडर खिलाडियों को टीम में खिलाना अच्छी बात है लेकिन यह टीम संयोजन को प्रभावित कर सकता है। भारत ने क्रुणाल, हार्दिक पांड्या और विजय शंकर को अंतिम ग्यारह में जगह दी।
इस सीरीज में भारत के पास स्पष्ट रूप से गेंदबाजी की कमी नज़र आई और ऐसे हरफनमौला खिलाड़ियों को टीम में शामिल करना जो गेंदबाज़ी भी कर सकते हो, भी अपेक्षित नतीजे नहीं दे सका। भारत को एक ऐसे विशेषज्ञ गेंदबाज की ज़रूरत थी जो टीम में संतुलन ला सके।
भारत के शीर्ष तीन गेंदबाजों ने इस सीरीज़ में काफी रन लुटाये और विकेट लेने भी नाकाम रहे। लचर गेंदबाज़ी की नतीजा यह हुआ कि मेज़बान टीम दो बार 210 रनों का आंकड़ा पार करने में कामयाब रही। इससे भारतीय बल्लेबाजों पर भी दबाव बढ़ गया और लक्ष्य का पीछा करते हुए कोई भी बल्लेबाज़ अपनी पारी को बड़े स्कोर में बदलने में नाकाम रहा, खासकर पहले और आखिरी टी-20 में। इसके अलावा, क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि आखिरी मैच में कप्तान रोहित को क्रुणाल पांड्या की जगह युजवेंद्र चहल को टीम में जगह देनी चाहिए थी।
लेखक: ब्रोकनक्रिकेट अनुवादक: आशीष कुमार