नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (NADA) के अनुसार टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) इस साल जनवरी से मई तक सबसे अधिक बार डोप परीक्षण के लिए उपस्थित हुए हैं। एजेंसी की वेबसाइट पर प्रकाशित डेटा में दिखाया गया है कि इस अवधि के दौरान जडेजा ने तीन डोप परीक्षण पास किए हैं।
इस साल के पहले पांच महीनों में कुल 55 पुरुष और महिला क्रिकेटर खिलाड़ियों ने डोपिंग परीक्षण के लिए अपनी उपस्थित प्रस्तुत की है। यह दिलचस्प है कि इन परीक्षणों के अधिकांश 'आउट ऑफ कॉम्पिटीशन' (OOC) में किए गए थे, जिससे NADA द्वारा एक सक्रिय दृष्टिकोण की पराकाष्ठा का संकेत मिलता है। यह महत्वपूर्ण परिवर्तन संभावतः पिछले दो वर्षों की तुलना में क्रिकेटरों पर किए गए परीक्षणों की संख्या में वृद्धि की ओर इशारा करता है।
डोपिंग परीक्षणों में वृद्धि में महिला क्रिकेटरों पर की गई परीक्षणों में भी एक प्रमुख वृद्धि देखने को मिली है। जबकि 2022 में लगभग 20 महिला खिलाड़ियों से नमूने लिए गए थे, वहीं 2023 के पहले पांच महीनों में केवल दो महिला क्रिकेटरों ने इसका परीक्षण करवाया जिसमें भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना शामिल रहीं।
2021 में 54 और 2022 में 60 क्रिकेटरों से नमूने लिए गए
एक आंकड़े के अनुसार साल 2021 में 54 क्रिकेटर तो वहीं साल 2022 में 60 क्रिकेटरों से नमूने लिए गए। हालांकि, इसी अवधि में इस साल भारत के कप्तान रोहित शर्मा और दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली का कोई भी परीक्षण नहीं हुआ, जबकि स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने अप्रैल के महीने में आउट ऑफ कॉम्पिटीशन मूत्र परीक्षण पास किया था। रोचक बात ये रही कि रोहित शर्मा का प्रत्येक वर्ष तीन सैम्पलों के साथ परीक्षण किया गया था, जबकि कोहली को नाडा के परीक्षणों से छूट मिली थी।
बता दें कि इन सैंपलों में अधिकांश प्रतियोगिताओं के दौरान एकत्र किए गए सैंपल थे, विशेषकर IPL के दौरान। कुल 58 सैंपलों में से सात रक्त सैंपल थे, बाकी मूत्र सैंपल थे। जनवरी से मई तक डोपिंग परीक्षण में शामिल होने वाले प्रमुख भारतीय क्रिकेटरों में सूर्यकुमार यादव, केएल राहुल, इशान किशन और मोहम्मद सिराज शामिल रहें। जबकि विदेशी खिलाड़ियों में में डेविड वार्नर, राशिद खान और जोफ्रा आर्चर भी IPL सीजन के दौरान परीक्षण का हिस्सा बने।