भारतीय टीम (India Cricket team) के स्‍टार बल्‍लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli) ने बताया कि ब्रेक से पहले वो कैसे बहुत ज्‍यादा प्रयास कर रहे थे जबकि यह स्‍वीकार नहीं कर सके कि उनके शरीर को हर हाल में आराम की जरूरत है।33 साल के कोहली एक दशक से ज्‍यादा समय से भारत के सबसे बड़े मैच विनर्स में से एक रहे। यह मायने नहीं रखता कि खिलाड़ी कितना भी शारीरिक रूप से फिट हो। मानसिक बोझ खिलाड़ी पर पड़ता है।बीसीसीआई ने शनिवार को एक वीडियो पोस्‍ट किया, जिसमें विराट कोहली ने किसी को दोबारा तरोताजा होने की जरूरत बताई। पूर्व भारतीय कप्‍तान ने कहा, 'मैंने महसूस किया कि मेरी जिंदगी में पहली बार मैंने पूरी महीने बल्‍ला छुआ भी नहीं। मुझे महसूस हुआ कि मैं अपने जोश को नकली बनाने की कोशिश कर रहा हूं, खुद से कह रहा था कि मैं कर सकता हूं, लेकिन मेरा शरीर रूकने के लिए कह रहा था। मैंने समझा कि मैंने किसी अन्‍य से 40-50 प्रतिशत ज्‍यादा मैच खेले। तो मैं ऊर्जावान हूं, लेकिन सभी चीजों की एक सीमा है वरना यह अस्‍वस्‍थ हो जाती हैं।'कोहली ने साथ ही स्‍वीकार किया कि उन्‍हें अंतरराष्‍ट्रीय डेब्‍यू करने के बाद अपने खेल को लेकर गंभीर होने में कुछ समय लगा था। हालांकि, उन्‍होंने दावा किया कि वो हमेशा अपने आप से सच्‍चे रहे।BCCI@BCCI𝗜𝘁 𝗜𝘀 𝗛𝗲𝗿𝗲! @imVkohli on #AsiaCup2022 preparations, personal growth, mindset & more! #TeamIndia | #AsiaCup Watch this special feature bit.ly/3QQoJoG108221131𝗜𝘁 𝗜𝘀 𝗛𝗲𝗿𝗲! @imVkohli on #AsiaCup2022 preparations, personal growth, mindset & more! 👍 👍 #TeamIndia | #AsiaCup Watch this special feature 🎥 🔽 bit.ly/3QQoJoG https://t.co/2YJMMmTKM4भारतीय बल्‍लेबाज ने कहा, 'आपके पेशे के अलावा जिंदगी में और भी कई चीजें हैं। तो जब लोग आपको आपके पेशे के कारण देखते हैं तो आपका दृष्टिकोण थोड़ा खोना शुरू हो जाता है। मैं हमेशा अपने आप से सच्‍चा रहा। जब मैं युवा था और ज्‍यादा परिपक्‍व नहीं था, मैंने कभी वो बनने की कोशिश नहीं की, जो मैं कभी नहीं था।'विराट कोहली ने दावा किया कि भारतीय टीम का इरादा टी20 प्रारूप में हमेशा से आक्रामक क्रिकेट खेलने का रहा। हालांकि, कोहली ने नियंत्रित आक्रमकता और स्थिति के हिसाब से ढलने के महत्‍व पर जोर दिया।कोहली ने कहा, 'टी20 में हमेशा हमने आक्रामक क्रिकेट खेली है। हमने कई बार बड़ा स्‍कोर बनाया और बड़े लक्ष्‍य का पीछा किया। कई देशों में सीरीज जीती, तो यह बिना किसी इरादे के संभव नहीं है। मेरे ख्‍याल से बड़े टूर्नामेंट्स में आपको एक तरह के ब्रांड का क्रिकेट खेलने से ज्‍यादा स्‍मार्ट होकर खेलने की जरूरत है।'