ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम (Australia Cricket Team) के कोच जस्टिन लैंगर (Justin Langer) का कॉन्ट्रैक्ट अब आखिरी साल में हैं। साल 2018 में हुए बॉल टेम्परिंग मामले के बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम की कमान सम्भाली। एशेज को रिटेन करने से लेकर घरेलू मैदानों पर लगातार टेस्ट सीरीज में टीम ने जीत हासिल की लेकिन इस दौरान भारतीय टीम (Indian Cricket Team) से ऑस्ट्रेलियाई टीम को लगातार दो बार सीरीज में हार झेलनी पड़ी, जिसके बाद से उनकी कोचिंग पर सवाल खड़े होने लगे। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने सीजन के अंत होने के बाद कोच को लेकर खिलाड़ियों व सदस्यों से समीक्षा करता है। हाल ही में दूसरे रिव्यु प्रोसेस को टीम के लीडरशिप सहायक टिम फोर्ड ने किया। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (Cricket Australia) ने टिम फोर्ड (Tim Ford) को 2 साल पहले इस पद के लिए नियुक्त किया था।
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घरेलू सीजन के खत्म होने के बाद टिम फोर्ड ने खिलाड़ियों का वर्चुअल इंटरव्यू लिया और उनके विचार और आलोचनाओं को गुप्त रखा गया। जस्टिन लैंगर को भी फोर्ड की रिपोर्ट से फीडबैक मिला जो कि खिलाड़ियों को मिले फीडबैक से ज्यादा मुश्किल नहीं था। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अनुसार फोर्ड की रिपोर्ट में कोच लैंगर को अच्छा सहयोग मिला है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के एक अधिकारी ने कहा कि इस बार मिला फीडबैक बिलकुल वैसा ही जैसा हमें वर्ल्ड कप 2019 और एशेज सीरीज के बाद मिला था।
जस्टिन लैंगर को लेकर खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ का कहना है कि उन्हें अपने तौर-तरीकों को बदलना होगा, क्योंकि ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ी भी चाहते हैं कि उन्हें भी बोलने और अपनी बात रखने का मौका मिले। इस मामले को लेकर परिचित सूत्रों का कहना है कि उनकी कोचिंग शैली के बारे में मजबूत और सीधी प्रतिक्रिया थी, जबकि टीम मैनेजर गेविन डोवी को भी नहीं बख्शा गया था। एक अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार भारत से मिली हार के बाद जस्टिन लैंगर बेहद ही नाखुश थे और उनके तरीके पर भी इसका असर पड़ा था।