भारत (India Cricket team) के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) को डीआरएस (DRS) के संबंध में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की सोच ने काफी प्रभावित किया। वेस्टइंडीज (West Indies Cricket team) के खिलाफ पहले वनडे में रोहित शर्मा ने तीन बार डीआरएस लिया और हर बार उनका फैसला सही निकला।
सबसे पहले रोहित ने डीआरएस लिया जब वॉशिंगटन सुंदर की गेंद डैरेन ब्रावो के पैड पर जाकर लगी। गेंदबाज इस बात पर सहमत था कि बल्ला लगा है, लेकिन कप्तान को ऐसा नहीं लगा और उन्होंने डीआरएस लिया। इसके बाद युजवेंद्र चहल ने निकोलस पूरन के पैड पर गेंद मारी तो भारतीय कप्तान ने बिना देरी किए डीआरएस लिया। यह फैसला भी सही निकला।
तीसरा मौका आया जब शामराह ब्रूक्स के एलबीडब्ल्यू पर फैसला लेना था। तब पूर्व कप्तान विराट कोहली के कहने पर रोहित ने डीआरएस लिया और यह फैसला भी एकदम सही निकला। बाद में गावस्कर ने कहा कि वह डीआरएस को धोनी रिव्यू सिस्टम कहते थे, लेकिन जल्द ही वो इसे डेफिनेटली रोहित सिस्टम कहेंगे।
स्टार स्पोर्ट्स पर बातचीत करते हुए गावस्कर ने कहा, 'जब धोनी वहां थे तो मैं कहता था कि यह धोनी रेफरल सिस्टम है। मैंने इस बात का ध्यान कमेंट्री करते समय भी दिलाया कि अब इसे रोहित सिस्टम कह सकते हैं क्योंकि उन्होंने इसका अब तक एकदम सही उपयोग किया।'
गावस्कर ने डीआरएस लेने में विकेटकीपर की भूमिका का महत्व बताया क्योंकि कप्तान आखिरी फैसला लेने से पहले अपने कीपर से जरूर पूछता है। उन्होंने समझाया, 'ऐसी स्थिति आएगी जब आप इसका गलत उपयोग करेंगे, लेकिन यहां विकेटकीपर की जिम्मेदारी अहम हो जाती है क्योंकि वो आपको बताएगा कि गेंद कहां पिच हुई थी। अगर गेंद पैड पर लगी, घुटने के नीचे या ऊपर लगी तो गेंदबाज की भूमिका बढ़ेगी। अन्यथा, विकेटकीपर ऐसे में अहम भूमिका निभाता है।'
भारत ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में अपने 1000वें वनडे को यादगार बनाया और वेस्टइंडीज को पहले वनडे में 6 विकेट से मात देकर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई।
युजवेंद्र चहल (4 विकेट) और वॉशिंगटन सुंदर (3 विकेट) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारत ने वेस्टइंडीज को 176 रन पर ऑलआउट किया और फिर 4 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल किया। सूर्यकुमार यादव ने 28वें ओवर की आखिरी गेंद पर विजयी चौका जमाया। सूर्यकुमार यादव 34* और दीपक हूडा 26* रन बनाकर नाबाद रहे।