साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया (Australia) के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर तीन खिलाड़ी बॉल टेम्परिंग के मामले में दोषी पाए गए थे, जिनमें स्टीव स्मिथ (Steve Smith), डेविड वॉर्नर (David Warner) और कैमरन बैनक्रॉफ्ट का नाम शामिल था। इन तीनों खिलाड़ियों को 1 साल के लिए बैन भी किया गया। साथ ही स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर पर हमेशा के लिए नेतृत्व करने का प्रतिबन्ध भी लगाया था। लेकिन हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी को लेकर फिर से डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ का नाम ऊपर आया है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज कप्तान माइकल क्लार्क (Michael Clarke) ने अपनी राय रखते हुए बताया है कि क्यों डेविड वॉर्नर को कप्तान नहीं बनाना चाहिए।
माइकल क्लार्क ने डेविड वॉर्नर की उम्र की तरफ इशारा करते हुए अपना बयान दिया है। उन्होंने इस सन्दर्भ में कहा कि, 'नीतिगत तौर पर देखें तो डेविड वॉर्नर कप्तान के रूप में एक अच्छे विकल्प हैं। मैंने उन्हें आईपीएल में कप्तानी करते हुए देखा है और वह शानदार रहे हैं, बल्कि सर्वश्रेष्ठ में से एक रहे हैं। लेकिन 36 साल की उम्र में, अगर वे कप्तान बनाये जाते हैं तो मुझे बहुत आश्चर्य होगा। मुझे लगता है कि उन्होंने यह बहुत स्पष्ट कर दिया है कि वे क्या महसूस करते हैं। यदि आप डेविड वॉर्नर को कप्तान बनाने के लिए देख रहे हैं, तो यह केवल मार्केटिंग कारणों से हो सकता है।'
माइकल क्लार्क ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को किसी युवा खिलाड़ी में अपना लीडर खोजने की भी सलाह दी है। उनका कहना है कि, 'हमें जितना हो सके युवाओं को आगे बढ़ाना चाहिए। हमें अपने घरेलू क्रिकेट में नेतृत्व खोजने की जरूरत है। ऑस्ट्रेलिया को अधिक जिम्मेदारी लेने के लिए कैमरन ग्रीन जैसे युवाओं को बढ़ावा देना चाहिए और टीम प्रबंधन को अब तक कप्तानी लेने के लिए कुछ युवा खिलाड़ियों को तैयार करना चाहिए था। फ़िलहाल पैट कमिंस को टेस्ट और वनडे टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। हालांकि टी20 में अभी भी फिंच ही कप्तान हैं लेकिन आगे उन्हें बरकरार रखा जायेगा या नहीं, इसे लेकर कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है।