बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT 2023) के दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन अंपायर के फैसले पर बड़ा विवाद देखने को मिला है। पहले दिन के खेल के बाद भारतीय टीम (Indian Cricket Team) ने अपने शुरूआती विकेट जल्दी गंवा दिए लेकिन उसके बाद दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli) ने भारत की पारी को संभाला। अपने होम ग्राउंड पर खेल रहे विराट कोहली एक बड़ी पारी की तरफ बढ़ रहे थे लेकिन उन्हें 44 रन के निजी स्कोर पर विवादास्पद तरीके से एलबीडबल्यू आउट दे दिया गया।
मैदान पर मौजूद अंपायर नितिन मेनन (Nitin Menon) ने उन्हें आउट करार दिया। इसके बाद, कोहली ने डीआरएस का सहारा लिया। रीप्ले से लग रहा था कि गेंद का बैट और पैड से एकसमय में ही सम्पर्क हुआ। कई एंगल देखने के बाद थर्ड अंपायर ने मैदानी अंपायर के फैसले को सही माना और विराट कोहली आउट करार दिए गए। इस फैसले पर विराट कोहली समेत भारतीय ड्रेसिंग रूम और दर्शकों को भी हैरानी हुई थी लेकिन मैदान पर मौजूद कमेंटेटरों की राय भी महत्वपूर्ण रही।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज मार्क वॉ ने अंपायर के फैसले का बचाव किया है और उन्होंने इस सन्दर्भ में कमेंट्री करते हुए कहा कि, 'विराट कोहली को आउट देना अंपायर का एक साहसी निर्णय था। 10 में से नौ बार आप इसे नॉट आउट देंगे। इस फैसले पर बहुत अधिक संदेह था।'
मार्क वॉ को जवाब देते हुए सुनील गावस्कर ने कहा कि, 'मुझे नहीं लगता कि समस्या यह थी कि गेंद स्टंप्स पर लगेगी या नहीं। जबकि परेशानी यह थी कि क्या कोहली के बल्ले से गेंद लगी है। जोकि काफी नजदीकी मामला था। हमें यह याद रखना होगा कि उन्हें मैदान पर आउट दिया गया था। अब तीसरे अंपायर को पूरी तरह सुनिश्चित होने की जरूरत थी कि कोहली के बल्ले से गेंद लगी या नहीं।' थर्ड अंपायर और नितिन मेनन के इस निर्णय की काफी आलोचना हुई है।