इंग्लैंड (England Cricket Team) के प्रमुख बल्लेबाज जो रूट (Joe Root) इस समय फॉर्म के लिए संघर्ष करते हुए नजर आ रहे हैं। रूट ने भारत (India Cricket Team) के खिलाफ शुरुआती दो टेस्ट की चार पारियों में केवल 52 रन बनाए। इंग्लैंड के हेड कोच ब्रेंडन मैकलम (Brendon McCullum) ने कहा कि जो रूट का खराब फॉर्म चिंता का विषय नहीं हैं। मैकलम ने कहा कि यह सीरीज बड़ी है और आगामी मैचों में रूट अपनी लय खोज लेंगे।
विशाखापट्टनम टेस्ट की बात करें तो इंग्लैंड की टीम 399 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी। तब रूट से एक बड़ी पारी की उम्मीद थी, लेकिन वो अश्विन की गेंद पर लापरवाही भरा शॉट खेलकर पवेलियन लौट गए। रूट की इस शॉट के कारण कड़ी आलोचना भी हुई। इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज माइकल एथरटन ने अपने कॉलम में लिखा कि रूट ने बेहद खराब शॉट खेलकर अपनी पारी का अंत किया।
एथरटन ने द टाइम्स के लिए अपने कॉलम में लिखा, 'चार पारियों में केवल 52 रन। जो रूट को अपनी लय खोजना होगी। अब उनके पास 9 दिन का ब्रेक है, जिसमें वो अपनी गलतियों पर प्रकाश डाल सकते हैं। उन्होंने बेहद खराब अंदाज में अपना विकेट गंवाया और अपनी पारी का अंत किया।'
हालांकि, रूट को अपने हेड कोच ब्रेंडन मैकलम का साथ मिला, जिन्होंने आगामी मैचों में दाएं हाथ के बल्लेबाज से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई। द बेलफास्ट टेलीग्राफ के हवाले से मैकुलम ने कहा कि अभी सीरीज में काफी रन बनना है और रूट भी फॉर्म में लौट आएंगे। उन्होंने रूट को वर्ल्ड-क्लास करार दिया और कहा कि रूट ने आक्रामक बल्लेबाजी के जरिये भारतीय टीम को फील्डिंग पीछे रखने पर मजबूर करना चाहा ताकि वो अपना नेचुरल खेल खेल सके।
ब्रेंडन मैकलम ने कहा कि उन्हें विशाखापट्टनम में जो रूट की सोच पर कोई शक नहीं था। उन्होंने कहा, 'अभी तीन टेस्ट बचे हैं। काफी शतक और रन बनाने का मौका है। जो रूट विश्व स्तरीय खिलाड़ी है। लोग उसके आउट होने को देख रहे हैं, लेकिन यह नहीं सोच रहे कि उसकी कोशिश क्या थी। रूट चाह रहा था कि फील्डर्स को पीछे करे ताकि अपने हिसाब से आसानी से रन बनाता।'
मैकलम ने कहा, 'यह बहादुरी आपको कभी दिखाना होती है और ऐसा करते हुए आप आउट हो जाते हैं। इसी तरह खेल आगे बढ़ता है। उनकी सोच पर हमें जरा भी संदेह नहीं था।'