महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने भारतीय टीम प्रबंधन से आग्रह किया है कि इस साल टेस्ट क्रिकेट में कम रन की चिंता करने के बजाय उन्हें चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) और अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) के तकनीकी मामलों पर ध्यान देना चाहिए।
इस साल रहाणे की 9 टेस्ट में 19.21 की औसत रही जबकि पुजारा की 9 टेस्ट में 27.78 औसत रही। इंग्लैंड में (IND vs ENG) दोनों खिलाड़ियों का प्रदर्शन अब तक अच्छा नहीं रहा है। रहाणे ने पहले टेस्ट में 5 रन बनाए जबकि पुजारा ने दोनों पारियों में क्रमश: 4 और 12 रन बनाए।
लॉर्ड्स में चल रहे दूसरे टेस्ट में भी रहाणे और पुजारा फ्लॉप रहे। पुजारा दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 9 रन बनाकर आउट हुए। रहाणे केवल 1 रन बना सके। मगर गावस्कर को अब भी भरोसा नहीं है कि दोनों अनुभवी बल्लेबाजों को टीम से बाहर करने से टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम के मिडिल ऑर्डर का तुरंत हल मिलेगा।
गावस्कर ने सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर बातचीत करते हुए कहा, 'डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारत के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर अजिंक्य रहाणे (49) थे। तो इस अवधि में कोई रन नहीं बना सका। मगर सवाल दो क्रिकेटरों के बारे में पूछा जा रहा है। ये लो प्रोफाइल क्रिकेटर्स हैं। वह टीम से बाहर किए जाने पर किसी प्रकार का हंगामा नहीं करेंगे।'
पुजारा-रहाणे के अलावा स्टाफ भी जिम्मेदार: गावस्कर
पूर्व भारतीय ओपनर ने ध्यान दिलाया कि रहाणे और पुजारा के रन का सूखा तकनीकी मामलों के कारण है। कोचिंग स्टाफ को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
गावस्कर ने कहा, 'बस अजिंक्य रहाणे को खेलने दे। हां, अगर वो यहां रन नहीं बनाते तो यह चिंता उनकी तकनीकी क्षमता को लेकर हो सकती है। पुजारा के साथ भी ऐसा ही है।'
लिटिल मास्टर ने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया में वह जिस तरह आउट हुआ। आउट स्विंग पर अपना विकेट गंवाया। इंग्लैंड में ऐसा होता नहीं दिखा। तो फिर हो क्या रहा है? कौन है, जो इसका ख्याल रखेगा? अगर आप दोबारा इसी अंदाज में आउट हुए तो फिर यह सिर्फ आपकी तकनीकी खामी नहीं, लेकिन उन लोगों की भी है, जो आपकी मदद करने वाले थे।'