मौजूदा समय में टीम इंडिया (Team India) में एक से एक बढ़कर विस्फोटक बल्लेबाज मौजूद हैं जो पहली ही गेंद से बड़े शॉट्स खेलने में माहिर हैं। एक दशक पहले की बात करें तो टीम इंडिया में सिर्फ वीरेंदर सहवाग (Virender Sehwag) ही ऐसे बल्लेबाज हुआ करते थे, जो पहली गेंद से विरोधी गेंदबाजों पर प्रहार करना शुरू कर देते थे। क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में उनके खेलने का सिर्फ एक ही अंदाज़ होता था।
सोमवार को आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया। इस सम्मान को पाने वाले वह आठवें भारतीय क्रिकेटर बने। इस बीच मौजूदा भारतीय खिलाड़ियों का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह सहवाग से जुड़ी अपनी पसंदीदा मेमोरी के बारे में बता रहे हैं।
दरअसल, आईसीसी ने हार्दिक पांड्या, सूर्यकुमार यादव, शुभमन गिल और रविंद्र जडेजा से पूर्व सलामी बल्लेबाज सहवाग की बल्लेबाजी की तारीफ एक शब्द में करने को कहा था। दाएं हाथ के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने कहा,
विनाशकारी। उन्हें बल्लेबाजी करते देखना काफी रोमांचक होता थे। सहवाग जिस अंदाज़ में खेलते थे, इससे आने वाले बाकी खिलाड़ियों को पिच पर टिकने का समय मिल पाता था। उन्होंने सफ़ेद गेंद क्रिकेट को पूरी तरह से बदल कर रख दिया था।
दाएं हाथ के बल्लेबाज सूर्या ने उन्हें निडर बताया और कहा,
जब भी वो बल्लेबाजी करने आते थे तो पहली ही गेंद से ताबड़तोड़ शॉट्स खेलना शुरू कर देते थे, जो कि उनका ट्रेडमार्क था। मैंने भी उनसे यही चीज़ सीखी है जिसे फॉलो करने की कोशिश करता हूँ।
शुभमन गिल ने कहा,
शानदार। उनसे जुड़ी मेरी पसंदीदा मेमोरी 2011 वर्ल्ड कप दौरान की है। टूर्नामेंट में वह लगभग हर मैच में पहली ही गेंद पर बाउंड्री बटोरने की कोशिश में जुट जाते थे। वह 10-12 ओवरों के बीच दूसरी टीम को मैच से बाहर कर देते थे।
रविंद्र जडेजा ने कहा,
खतरनाक। बतौर ओपनर वह बाकी खिलाड़ियों के लिए प्लेटफार्म सेट करके देते थे।
वीरेंदर सहवाग का अंतरराष्ट्रीय करियर
भारतीय टीम के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 104 टेस्ट, 251 वनडे और 19 टी20 मैच खेले और वह 2011 वनडे वर्ल्ड कप और 2007 टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा भी थे। उनके नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 17 हजार से भी ज्यादा रन दर्ज हैं।