इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली भारतीय टीम में तेज गेंदबाजों की लंबी लिस्ट है, लेकिन इसमें जयदेव उनादकट का नाम शामिल नहीं होना हैरानी से कम नहीं है। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने 2010 में अपना टेस्ट डेब्यू किया था, लेकिन दोबारा कभी इस प्रारूप में खेलने का मौका नहीं मिला।
आईपीएल में प्रभावी प्रदर्शन के बाद जयदेव उनादकट को 2016 और 2018 में पहचान मिली, लेकिन घरेलू सर्किट में लगातार शानदार प्रदर्शन के बावजूद राष्ट्रीय टीम में उनका चयन नहीं हुआ।
उनादकट को भारत के यूके दौरे पर 20 सदस्यीय टीम में जगह नहीं मिली। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा, उमेश यादव और मोहम्मद सिराज के कारण उनादकट की जगह नहीं बनी। आवेश खान, प्रसिद्ध कृष्णा और अर्जन नागवासवाला को स्टैंडबाय खिलाड़ियों के रूप में शामिल किया गया।
यह इसलिए भी हैरानीभरा फैसला लगा क्योंकि उनादकट 2019-20 रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में शामिल थे। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने सौराष्ट्र के लिए 67 विकेट लिए थे। 29 साल के खिलाड़ी को फिर भी नजरअंदाज किया गया। उनादकट ने राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया और वो इसे जारी रखेंगे।
इस बीच बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने सौराष्ट्र टीम के अपने साथी चेतेश्वर पुजारा के साथ अच्छे रिश्ते के बारे में बताया। उनादकट ने खुलासा किया कि कैसे अनुभवी पुजारा के प्रोत्साहन के कारण वह लगातार बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब हुए। सौराष्ट्र ने पिछले साल अपना पहला रणजी ट्रॉफी खिताब जीता, जिसमें उनादकट और पुजारा दोनों टीम का हिस्सा थे।
पुजारा आपको सही बात बताते हैं: उनादकट
जयदेव उनादकट ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत करते हुए कहा, 'चेतेश्वर पुजारा मेरे करीबी दोस्त हैं और हमने साथ में लंबे समय तक क्रिकेट खेली है। मगर जब पिछले साल उन्होंने मुझसे कहा कि मैं टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार हूं, तो वो मेरे लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि अगर मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं करूं तो वो पहले शख्स होते हैं, जो आकर बताते हैं।'
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने आगे कहा, '5-6 साल पहले जब मैं चोट से उबरकर आया तो पुजारा ने मुझे अपनी फिटनेस पर काम करने को कहा था। वो मेरे साथ ईमानदार रहते हैं और पिछले सीजन में उन्होंने मुझसे कहा कि मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ लय में हूं, तो यह चीजें काफी मायने रखती हैं। कुछ अन्य लोगों ने भी मुझे कहा कि मैं राष्ट्रीय टीम में पहुंचने का हकदार हूं और कहा गया कि मुझे जल्द ही अपना मौका मिलेगा।'
जयदेव उनादकट ने भारत के लिए एकमात्र टेस्ट खेला, जिसमें उन्हें विकेट नहीं मिला। इसके अलावा उन्होंने 17 सीमित ओवर मुकाबलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 22 विकेट लिए। उनादकट ने भारत के लिए अपना आखिरी मुकाबला 2018 में बांग्लादेश के खिलाफ निदाहास ट्रॉफी का फाइनल खेला था।