ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान (Australia vs Pakistan) के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा और आखिरी मुकाबला 3 जनवरी से सिडनी में खेला जाएगा। यह ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर (David Warner) का आखिरी मुकाबला होगा। सिडनी वॉर्नर का होम ग्राउंड है। ऐसे में यह मैच उनके लिए काफी खास होगा। इस मुकाबले से पहले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क (Michael Clarke) ने डेविड वॉर्नर से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुनाया। क्लार्क ने बताया कि कैसे डेविड वॉर्नर को टीम में रखने के लिए खिलाड़ी बोर्ड से भिड़ गए थे।
ईएसपीएनक्रिकइंफो के अराउंड दे विकेट शो में डेविड वॉर्नर को लेकर बात करते हुए माइकल क्लार्क ने कहा कि ‘डेवी शुरू से मजबूत इरादे वाला व्यक्ति था। उसके जैसा मजबूत और आक्रमक रवैया रखने वाला खिलाड़ी मुझे पसंद था लेकिन उसका यह आक्रमक रवैया मैदान के बाहर भी था इसी रवैये के कारण वह परेशानियों में भी पड़ा।’
माइकल क्लार्क ने आगे कहा कि ‘मेरा मानना है कि उसे टीम के सीनियर खिलाड़ियों और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का काफी सपोर्ट मिला। इससे वॉर्नर को अपना कॉन्ट्रैक्ट बचाने में काफी मदद मिली। उसे ऑस्ट्रलियाई टीम में बनाकर रखने के ले हमें थोड़ा लड़ना भी पड़ा क्योंकि वह टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी में से एक था।’
दरअसल, डेविड वॉर्नर का नाम साल 2018 में काफी खराब हुआ था। जब दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर वह बॉल टेम्परिंग मामले में दोषी पाए गए। उन्हें इस पूरी घटना का मास्टर माइंड माना गया। इस घटना से पहले इसी दौरे पर वॉर्नर और क्विंटन डी कॉक के बीच काफी बहस भी हुई थी। बॉल टेम्परिंग विवाद के बाद वॉर्नर को फैंस के द्वारा काफी भला-बुरा भी कहा गया था। हालांकि वॉर्नर ने अपनी गलती स्वीकार की और फिर से मजबूती से ऑस्ट्रेलियाई टीम में वापसी की। वॉर्नर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल सलामी बल्लेबाज में से एक हैं।