पाकिस्तान के बल्लेबाज बाबर आजम को आधुनिक क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माना जाता है और अधिकांश उनकी तुलना भारतीय कप्तान विराट कोहली से होती है। पाकिस्तान के हेड कोच मिस्बाह उल हक ने हाल ही में कहा कि युवा क्रिकेटर में क्रिकेट की काफी अच्छी समझ है। जहां वह बल्लेबाजों के क्षेत्र में खुद को दिग्गज श्रेणी में स्थापित कर चुके हैं, वहीं उन्हें अब खुद को कप्तानी में साबित करने की जरूरत है। बाबर आजम पहले पाकिस्तानी कप्तान बने, जिन्होंने अपने पहले चार टेस्ट मैच जीते हैं।
मिस्बाह उल हक ने साथ ही कहा कि कप्तानी समय के साथ बेहतर होती जाएगी जब खिलाड़ी विभिन्न प्रकार की स्थितियों का सामना करेगा। बाबर आजम लगातार कप्तानी करते रहेंगे तो बेहतर होते जाएंगे। 26 साल के बाबर आजम ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों में खुद को साबित किया है और अब कप्तानी उनकी नई परीक्षा है।
जिम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज जीतने के बाद इंडियन एक्सप्रेस ने हक के हवाले से कहा, 'कप्तान ऐसी चीज है जो समय के साथ बेहतर होती जाती है। आप जितनी ज्यादा स्थितियों का सामना करोगे, उतने ही बेहतर बनते जाओगे। बाबर आजम में क्रिकेट की शानदार समझ है। उसने बल्ले से हर प्रारूप में इसे साबित किया है। उसे अब कप्तानी में भी साबित करके दिखाना होगा। उम्मीद है कि वह भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करेंगे।'
बायो-बबल की जिंदगी कभी आसान नहीं: मिस्बाह
पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने पिछले कुछ समय में काफी क्रिकेट खेली और हाल ही में उसने जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेली। यही वजह है कि खिलाड़ी बायो-बबल जिंदगी के साथ स्थिति को ठीक कर पा रहे हैं। मिस्बाह उल हक ने क्रिकेट में कड़े समय पर चीजें ठीक रखने के लिए अपने खिलाड़ियों की जमकर तारीफ की।
मिस्बाह उल हक ने कहा, 'हम जिस समय जी रहे हैं, वो बहुत परीक्षा लेने वाला समय है। बायो-बबल की जिंदगी कभी आसान नहीं होती। पहले खिलाड़ियों को दौरों पर काफी निजी समय मिल जाता था। तब वो कहीं घूम आते थे या फिर लोगों से मिल लेते थे ताकि मैच के अंतराल में अपना मूड सेट कर लेते थे। वहीं आप अगर बबल में आए, तो फिर वहीं रुकना है, चाहे जो हो जाए। टीम और प्रबंधन ने इसे बहुत अच्छे से संभाला, जिसके लिए उन्हें बधाई।'
मिस्बाह उल हक का मानना है कि क्रिकेट आज के दिनों में मुश्किल हो गया है और ऐसे में अच्छा प्रदर्शन करने पर पहचान जरूर मिलती है।