'मेरी क्रिकेट में कोई दिलचस्‍पी नहीं बची थी', ऑस्‍ट्रेलियाई क्रिकेटर ने साल 2011 का अपना दर्द बयां किया

First Test - Australia v England: Day Four
First Test - Australia v England: Day Four

ऑस्‍ट्रेलिया (Australia Cricket Team) के पूर्व तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन (Mitchell Johnson) ने खुलासा किया कि 2011 में वो ऐसे समय से गुजरे कि क्रिकेट खेलने में उनकी दिलचस्‍पी बिलकुल नहीं बची थी। 2013-14 एशेज सीरीज (Ashes Series) में सबसे ज्‍यादा विकेट लेने वाले जॉनसन ने बताया कि उन्‍हें नहीं पता कि किस वजह से दोबारा उनका मन क्रिकेट में लगने लगा।

Ad

याद दिला दें कि बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन ने अपनी गति से इंग्‍लैंड के बल्‍लेबाजों के मन में खौफ भर दिया था। जॉनसन ने पांच मैचों की सीरीज में 37 विकेट लिए थे। जॉनसन के प्रयासों की मदद से ऑस्‍ट्रेलिया ने 5-0 से इंग्‍लैंड का सफाया किया व एशेज अपने पास रखी।

जॉनसन ने बीबीसी से बातचीत करते हुए याद किया कि इंग्‍लैंड में 2013 में एशेज सीरीज के लिए उनका चयन नहीं हुआ था तो वो उदास थे, लेकिन उन्‍हें घबराहट के कारण राहत भी थी। जॉनसन ने कहा, 'मुझे विश्‍वास नहीं था कि मैं दोबारा कभी खेल पाऊंगा। मेरी क्रिकेट में जरा भी दिलचस्‍पी नहीं बची थी और मैं एशेज सीरीज को मिस नहीं करना चाहता था। 2013-14 एशेज सीरीज से पहले मेरे लिए काफी मुश्किल समय था। मुझे विश्‍वास नहीं था कि कैसे मैं प्रदर्शन करूंगा। इंग्‍लैंड में 2013 एशेज सीरीज में मेरा चयन नहीं हुआ। पहले मैं उदास था, लेकिन साथ ही राहत भी थी क्‍योंकि टेस्‍ट क्रिकेट में वापसी को लेकर मैं काफी घबराया हुआ था।'

ध्‍यान दिला दें कि मिचेल जॉनसन का 2010-11 एशेज सीरीज के पर्थ टेस्‍ट में बेहतर प्रदर्शन था। फिर शेष मैचों में उनका प्रदर्शन अच्‍छा नहीं रहा था। ब्रिस्‍बेन में वो कोई विकेट नहीं ले सके थे और आखिरी के दो मैचों में वो केवल चार विकेट ले सके थे। जॉनसन ने पैर की चोट के कारण 2011 में क्रिकेट नहीं खेली। वह सर्जरी से गुजरे थे।

पीटर सिडल और रेयान हैरिस के साथ इंग्‍लैंड के बल्‍लेबाजों की बैंड बजाने वाले जॉनसन ने साथ ही कहा, '2013-14 एशेज सीरीज में आखिरी टेस्‍ट के बाद जब हम सिडनी लौटे तो मुझे याद है कि मैंने तेज गेंदबाजों पीटर सिडल व रेयान हैरिस से कहा था कि मैं शारीरिक और मानसिक रूप से थक चुका हूं। उन्‍होंने भी यही बात कही थी।'

मिचेल जॉनसन ने कहा कि एशेज सीरीज के दौरान खिलाड़‍ियों पर काफी दबाव होता है क्‍योंकि वो देश की उम्‍मीदें लेकर खेलते हैं। उन्‍होंने कहा, 'मेरे ख्‍याल से मानसिक रूप से एशेज सीरीज की तैयारी से आप पर दबाव बढ़ जाता है। देश की उम्‍मीदें आप से जुड़ी होती हैं। आप जब उस सीरीज में खेलते हैं तो पूरी तरह समर्पित रहते हैं। आपका तब एक ही मकसद होता है-जीत।'

Quick Links

Edited by Rahul VBS
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications