मोहम्मद कैफ (Mohammad Kaif) ने भारत (India Cricket team) के लिए 20 अर्धशतक और तीन शतक जमाए हैं, लेकिन 2002 नेटवेस्ट (2002 Natwest Trophy) फाइनल में खेली नाबाद 87 रन की पारी उनकी सबसे खास पारियों में से एक मानी जाती है। इंग्लैंड (England Cricket team) के खिलाफ 326 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने एक समय 146 रन पर पांच विकेट गंवा दिए थे।
यहां से कैफ और युवराज सिंह ने 121 रन की साझेदारी करके भारत की वापसी कराई थी। युवराज आउट हो गए थे, लेकिन कैफ अंत तक डटे रहे और भारत को सबसे यादगार वनडे जीत में से एक दिलाई।
कैफ की पारी का प्रभाव ऐसा है कि 20 साल बाद भी उसके बारे में बात होती है। मगर क्या आप जानते हैं कि खुद कैफ अपनी पसंदीदा पारी नहीं मानते। जी हां, पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने कहा कि लॉर्ड्स में खेली यह पारी उनके दिल के करीब है, लेकिन वो अपनी सर्वश्रेष्ठ वनडे पारी अलग मानते हैं।
कैफ ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत में कहा, 'लोग हमेशा नेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल में मेरी बल्लेबाजी के बारे में बात करते हैं। यह मशहूर पारी थी, लेकिन यह मेरी पसंदीदा पारी नहीं है। मगर मैं एक और पारी के बारे में बात करना चाहूंगा, जो मेरी पसंदीदा है। यह पाकिस्तान के खिलाफ 2004 में खेली थी। हमने जल्दी-जल्दी चार विकेट गंवा दिए थे और फिर मैंने राहुल द्रविड़ के साथ 132 रन की साझेदारी की थी।'
कैफ जिस सीरीज की बात कर रहे हैं, वो 2004 में भारत के ऐतिहासिक पाकिस्तान दौरे के चौथे वनडे की बात है। पाकिस्तान की टीम 2-1 से सीरीज में आगे थी। भारत ने कराची में हाई स्कोरिंग पहला मैच रोमांचक अंदाज में जीता। फिर पाकिस्तान ने रावलपिंडी और पेशावर में मैच जीतकर सीरीज में बढ़त बना ली।
चौथे वनडे में 294 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 162 रन पर पांच विकेट गंवा दिए थे। यहां से मोहम्मद कैफ (71*) और राहुल द्रविड़ (76*) ने शतकीय साझेदारी करके भारत को जीत दिलाई थी।
कैफ ने कहा, 'हम कुछ 290 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे। हम सीरीज में 1-2 से पीछे थे। वो मैच लाहौर में था और मैंने नाबाद 72 रन बनाए थे। मुझे वो पारी अच्छी तरह याद है क्योंकि हम सीरीज 2-2 से बराबर करने में सफल हुए थे और भारत ने फिर सीरीज जीती थी। हम लंबे समय बाद पाकिस्तान दौरे पर गए थे तो वो विशेष था।'