भारत (Indian Cricket Team) ने पिछले दो वर्ल्ड कप 2011 और 2007 में जीते थे। उन दोनों वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने सबसे बड़ी पारियां खेली थी, जिसकी वजह से टीम इंडिया उन दोनों वर्ल्ड कप को जीत पाई थी।
सोशल मीडिया पर कई बार ऐसी बातें, और चर्चाएं होती हैं, कि इन दोनों वर्ल्ड कप को जीतने में गौतम गंभीर ने जितना योगदान दिया, उतना उन्हें श्रेय नहीं मिलता है। यही बात अब रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने भी कही है।
अश्विन ने बताई गंभीर की कहानी
वर्ल्ड कप 2011 के वर्ल्ड कप विजेता और 2023 वर्ल्ड कप टीम में अचानक शामिल होने वाले रविचंद्रन अश्विन ने क्रिकेट कमेंटेटर और विशेषज्ञ हर्षा भोगले को अपने एक शो में गौतम गंभीर के बारे में बताते हुए कहा कि,
"मुझे लगता है कि गौतम गंभीर भारत में सबसे ज्यादा गलत समझे जाने वाले क्रिकेटर हैं, क्योंकि हमारे देश में किसी व्यक्ति के लिए एक अवधारणा पहले से बनी हुई रहती है। वह टीम के एक महान खिलाड़ी हैं। वह टीम को जीत दिलाने और टीम के लिए हमेशा संर्घष करने वाले एक महान खिलाड़ी हैं, और वह एक बहुत अच्छे इंसान भी हैं। ऐसा हो सकता है कि वह अपने चेहरे के जरिए ज्यादा चीजें को ना दिखाते हो, लेकिन वह हमेशा फील्ड पर जाकर मैच में लड़ना और जीतना जानते थे। वह ना सिर्फ स्पिन के एक अच्छे खिलाड़ी थे, बल्कि गेम को भी बहुत अच्छे से पढ़ते थे।"
अश्विन ने आगे कहा कि,
"सिर्फ उस एक (वर्ल्ड कप फाइनल) पारी की बात नहीं है, वो उससे पहले भी कई बेहतरीन परियां खेलकर उस फाइनल में पहुुंचे थे, जिसमे वो एक बेनाम हीरो बनकर उभरे थे।"
भारत के ऑफ स्पिन गेंदबाज ने आगे कहा कि,
"उस खास पारी की बात करें, तो हमारे दो विकेट गिर चुके थे। विराट तिलकरत्ने दिलशान की गेंद पर आउट हो चुके थे, और वहां से गौतम ने सच में हमें जरा सा भी दबाव महसूस करने नहीं दिया। जिस तरह से उन्होंने शॉट खेला, विकेटों के बीच में दौड़ लगाई, जिस तरह का रिस्क लिया, वो बिल्कुल निस्वार्थ था। शायद वो 120 या 130 रनों की नाबाद पारी खेलकर भी आ सकते थे, लेकिन उन्होंने एकदम निस्वार्थ पारी खेली। मेरे मन में गौतम के लिए बहुत ज्यादा सम्मान है, और मुझे लगता है कि वो जितना श्रेय पाने के लायक हैं, लोग उन्हें उससे बहुत कम श्रेय देते हैं।"