क्रिकेट के खेल में किसी भी गेंदबाज के लिए 100 विकेट हासिल करना भी बड़ी उपलब्धि होती है और जब आप महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न (Shane Warne) के 1000 अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने की उपलब्धि के बारे में सोचते हैं तो यह और उपलब्धि और भी बड़ी हो जाती है। वॉर्न हमारे बीच नहीं रहे लेकिन क्रिकेट जगत उनकी उपलब्धि को कभी नहीं भुला पायेगा। इस बीच भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने भी दिग्गज लेग स्पिनर के 1000 अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने की उपलब्धि का जिक्र किया और कहा कि अगली पीढ़ी के गेंदबाजों के लिए ऐसा करना पाना लगभग नामुमकिन है।
शेन वॉर्न के नाम अंतररष्ट्रीय क्रिकेट में 1001 विकेट दर्ज हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 708 और वनडे में 293 विकेट चटकाए थे। अश्विन का मानना है कि आज के व्यस्त कार्यक्रम के कारण ऐसा करना किसी भी गेंदबाज के लिए संभव नहीं है।
अपने यूट्यूब चैनल पर अश्विन ने कहा,
शेन वार्न एक कलरफुल करैक्टर वाले व्यक्ति थे और उन्होंने गेंदबाजी शब्द को फिर से परिभाषित किया। उन्होंने 1000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए हैं। बहुत से लोग इस असाधारण उपलब्धि को हासिल नहीं कर सकते हैं। वास्तव में, गेंदबाजों की अगली पीढ़ी 1000 अंतरराष्ट्रीय विकेट हासिल करने के बारे में सोचना भी भूल सकती है।
अश्विन के मुताबिक टी20 क्रिकेट का बढ़ता चलन और टेस्ट क्रिकेट के मैचों की कमी से वर्कलोड की भी भूमिका अहम हो जाती है। उन्होंने कहा,
टेस्ट क्रिकेट की मात्रा में भारी कमी आएगी। और बहुत सारी लीग हैं, वर्कलोड मैनेजमेंट को भी ध्यान में रखना होगा।
शेन वॉर्न ने स्पिन से अटैक करना सिखाया - अश्विन
आर अश्विन का मानना है कि वह शेन वॉर्न ही थे, जिन्होंने यह विश्वास दिलाया कि एक स्पिनर भी आक्रामक माइंडसेट के साथ विपक्षी बल्लेबाजों पर दबाव बना सकता है। इसके अलावा अश्विन ने कहा कि वॉर्न पिच से मिलने वाली मदद पर निर्भर नहीं रहते थे। उन्होंने कहा,
मैं वर्ल्ड क्रिकेट के मानचित्र में गेंदबाजी के स्पिन पहलू को आगे ले जाने के लिए वॉर्न को एक पथप्रदर्शक के रूप में देखता हूं। वार्न इस क्रिकेट जगत में स्पिन को एक आक्रामक हथियार के रूप में लाए । यहां तक कि जब पिच पर बहुत कुछ नहीं हो रहा था, वहां भी उन्होंने अपनी मौजूदगी से विकेट हासिल किये।