भारतीय टीम (India Cricket team) के मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) को श्रीलंका (Sri Lanka Cricket team) के खिलाफ दूसरे टेस्ट में शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। अय्यर ने पहली पारी में 92 जबकि दूसरी पारी में 67 रन बनाए।
अय्यर की पारी की बदौलत भारत ने दूसरे टेस्ट में श्रीलंका को 238 रन के विशाल अंतर से हराया और दो मैचों की सीरीज में श्रीलंकाई टीम का 2-0 से क्लीन स्वीप किया।
मैच के बाद श्रेयस अय्यर ने अपनी बल्लेबाजी के बारे में खुलकर बातचीत की। उन्होंने बताया कि आखिर क्यों बेंगलुरु की पिच पर उन्होंने टेस्ट में आक्रामक होकर खेलने की ठानी।
अय्यर ने कहा, 'यह मेरी आम सोच नहीं है। मगर मैंने देखा कि बल्लेबाज संघर्ष कर रहे है। तब मुझे लगा कि आक्रामक होकर खेलना होगा और गेंदबाजों पर दबाव डालना पड़ेगा। मैं 55 रन पर खेल रहा था जब हमारे पुछल्ले बल्लेबाज आए और मैंने करीब 40 रन और जोड़े। मैं जल्दी भी आउट हो सकता था, इसलिए शतक की चिंता नहीं की।'
अय्यर ने दूसरी पारी के बारे में बात करते हुए कहा, 'मैं बस ज्यादा से ज्यादा गेंदें खेलना चाहता था। मुझे पता था कि नीचे शमी और बुमराह से समर्थन मिलेगा। मैंने हमेशा भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने का सपना देखा। यह बहुत अच्छी भावना है और मैं लगातार योगदान देना चाहता हूं। मैं इसे जारी रखना चाहता हूं।'
प्लेयर ऑफ द सीरीज बने पंत
प्लेयर ऑफ द सीरीज बनने के बाद ऋषभ पन्त ने कहा कि मुझे लगता है कि दोनों (बल्लेबाजी और कीपिंग) में आपको विकसित होते रहने की जरूरत है, मैंने पहले कुछ गलतियां की हैं और सुधार करते रहना चाहता हूं। तेज खेलने को लेकर उन्होंने कहा कि यह मेरी मानसिकता में नहीं है, विकेट खेलने में मुश्किल था इसलिए मैंने सोचा कि मैं तेजी से रन ढूंढूंगा।
टीम प्रबंधन मुझसे (पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने पर) जो चाहता है, मैं वह करूंगा। मुझे लगता है कि यह आत्मविश्वास के बारे में अधिक है। बेहतर विकेटकीपिंग कौशल को लेकर पन्त ने कहा कि पहले मैं बहुत ज्यादा सोचता था, अब मैं केवल हर गेंद पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं।