वेस्टइंडीज (WI vs IND) के द्वारा टी20 सीरीज में मिली 3-2 से हार भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के लिए खतरे की घंटी होनी चाहिए, क्योंकि एक अगले साल उसी स्थान पर टी20 विश्व कप खेला जाएगा। हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने सीरीज हार के बाद कहा कि कभी-कभी हार से सीखना ठीक होता है। उनके उसी तर्क पर, अगर टीम इंडिया अगले साल टी20 विश्व कप जीतने की कोई उम्मीद रखना चाहती हैं, तो ये तीन कठोर सीख हैं, जिन्हें टीम इंडिया को स्वीकार करना होगा:
टीम इंडिया की तीन सबसे कमियां
1. इस फॉर्मेट में टीम संयोजन सबसे बड़ी समस्या है। वेस्टइंडीज के खिलाफ हुई सीरीज में भारतीय बल्लेबाजी में नंबर-7 पर अक्षर पटेल आ रहे थे, जिसका मतलब है कि टीम की बल्लेबाजी में काफी हद तक गहराई की कमी थी, जिसके कारण उन्हें दो गेम गंवाने पड़े। ऐसे में उन्हें वॉशिंगटन सुंदर, हर्षित राणा आदि जैसे खिलाड़ियों पर नजर डालने की जरूरत है, जो न केवल गेंदबाजी कर सकते हैं, बल्कि लंबे हैंडल का इस्तेमाल कर बड़े शॉट्स भी लगा सकते हैं।
2. इंडियन टी20 टीम में फिनिशर की समस्या कुछ समय से बनी हुई है। पिछले टी20 विश्व कप तक इस भूमिका के लिए दिनेश कार्तिक को वापस लाने की कोशिश कर की जा रही थी। उनके असफल होने पर वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम ने संजू सैमसन को यह जिम्मेदारी दी, लेकिन वो भी सफल नहीं हुए। ऐसे में टीम इंडिया को शायद रिंकू सिंह और जितेश शर्मा जैसे फिनिशर पर निवेश करना चाहिए। जैसा कि आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में देखा जाता है, रिंकू और जितेश दोनों स्वाभाविक फिनिशर हैं और आयरलैंड टी20ई के दौरान सभी की निगाहें उन पर होंगी।
3. जब टीम संयोजन के कारण पिछले साल टी20 विश्व कप में युजवेंद्र चहल को भारत की प्लेइंग इलेवन में नहीं चुना गया तो प्रशंसकों के साथ-साथ पूर्व क्रिकेटरों ने भी सोशल मीडिया पर काफी हंगामा किया। हालांकि, टीम में वापस आने के बाद से चहल खुद लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। चहल एक अच्छे फील्डर नहीं हैं, और न ही बल्ले से कुछ खास योगदान दे पाते हैं। ऐसे में उनका एकमात्र योगदान गेंदबाजी में होता है, लेकिन उसमें भी वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में टीम मैनेजमेंट को रवि बिश्नोई जैसे अन्य स्पिनर्स पर ध्यान देना चाहिए, जो न सिर्फ बेहतर फील्डर हैं, बल्कि चहल से बेहतर बल्लेबाजी भी कर सकते हैं।