विराट कोहली (Virat Kohli) भारतीय क्रिकेट इतिहास के महान खिलाड़ियों में से एक बन चुके हैं। अंततराष्ट्रीय क्रिकेट में अनेकों रिकॉर्ड अपने नाम पर किए हैं, लेकिन उन्हें भी कई बार आलोचकों का सामना करना पड़ा है। 2019 से 2022 के बीच लगभग तीन साल तक कोहली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक भी शतक नहीं लगा पाए, जिसकी वजह से उन्हें सोशल मीडिया से लेकर मैदान तक हर जगह आलोचकों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था।
विराट ने अपने आलोचकों के बारे में क्या कहा?
हालांकि, पिछले साल हुए एशिया कप टी20 मैच के दौरान कोहली ने अफगानिस्तान के खिलाफ 62 गेंदों में नाबाद 122 रनों की पारी खेलकर सालों से चल रहे सूखे आखिरकार को खत्म किया। उसके बाद उन्होंने बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ वनडे फॉर्मेट में भी शतक लगाया।
उसके बाद भी विराट की आलोचना नहीं रुकी क्योंकि टेस्ट फॉर्मेट में उन्होंने पिछले कई सालों से एक भी शतक नहीं लगाया था। विराट ने इसका भी जवाद दिया और घरेलू मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ और विदेशी मैदान पर वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट शतक लगाया, लेकिन उन्हें खुद भी पता है कि लोगों की उनसे उम्मीदें कभी खत्म नहीं होगी। इसके बारे में बात करते हुए विराट ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि,
"एक व्यक्ति के रूप में जिस चीज ने मुझे वास्तव में परिभाषित किया है, वह है लचीला बने रहने और आगे बढ़ते रहने की मेरी क्षमता, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों।"
आलोचकों के बारे में बात करते हुए कोहली ने कहा कि,
“लोगों के पास अपनी राय होगी और वो निर्णय लेंगे, लेकिन मैंने अपनी अंतरात्मा और क्षमताओं पर भरोसा करना सीख लिया है। क्रिकेट के मैदान पर मेरी सभी उपलब्धियों के पीछे यही आत्म-विश्वास प्रेरक शक्ति रहा है।”
कोहली ने आगे कहा कि,
"यह आत्म-विश्वास मुझे सकारात्मक बने रहने और अपने खेल को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है… मैं अपनी पिछली सफलताओं और सीखों से प्रेरणा लेता हूं। उन क्षणों पर विचार करना जब मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और उन क्षेत्रों का विश्लेषण करना जहां मैं हार के बाद सुधार कर सकता हूं, इसी चीज से मुझे एक खिलाड़ी के रूप में विकसित होने में मदद मिलती है। मेरे लिए हर निराशा मजबूत होकर वापसी करने का अवसर बन जाती है।"