भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के विकेटकीपर बल्लेबाज इशान किशन (Ishan Kishan) ने इंग्लैंड (England Cricket Team) के बैजबॉल दृष्टिकोन पर बड़ी बात कही है। किशन ने कहा है कि इंग्लैंड का ये दृष्टिकोन समतल पिचों के लिए सबसे उपयुक्त है मगर यह हर टेस्ट मैच और स्तिथी के लिए अनिवार्य तकनीक नहीं है।
किशन ने हाल ही में संपन्न हुई भारत और वेस्टइंडीज (WI vs IND 2023) टेस्ट सीरीज के दूसरे टेस्ट में नाबाद अर्धशतक लगाया था। दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 34 गेंदों में 52 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी।
पिच की प्रकृति बल्लेबाजी रणनीती तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है - इशान किशन
किशन ने बैजबॉल तकनीक को लेकर एक पत्रकार से कहा कि इसे समतल पिचों पर अपनाना फायदेमंद हो सकता, मगर पेचीदा परिस्थिति में ये उपयुक्त नहीं होगा। किशन ने कहा,
पिच की प्रकृति बैटिंग रणनीती निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। समतल सतहों पर जहां तेजी से स्कोर करना संभव है वहां बैजबॉल दृष्टिकोन अपनाना अनुकूल हो सकता है। हालांकि, जहां पिच में अधिक घुमाव और उछाल की समस्या होती है फिर वहां यह आक्रामक शैली अनुमानित परिणाम नहीं दे सकती।
किशन ने आगे बात करते हुए कहा कि आक्रामक खेल खेलने का निर्णय टीम की आवश्यकताओं और मैच की स्थिति पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने हर टेस्ट मैच में हमेशा आक्रमक क्रिकेट खेलने की धारणा को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि खेलने की शैली को परिस्थितियों के आधार पर अनुकूलित किया जाना चाहिए। किशन ने कहा,
यदि पिच समतल है, जहां आप तेजी से स्कोर कर सकते हैं, और टीम की आवश्यकता है कि आप जल्दी रन बनाएं, तो मैं सोचता हूं आप उस दृष्टिकोन को अपना सकते हैं। मुझे लगता है कि हर मैच में हमें आक्रामक ढंग से खेलने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन जब भी आक्रामक क्रिकेट खेलने की आवश्यकता होगी, हमारे पास पर्याप्त शक्ति है। मुझे लगता है टेस्ट क्रिकेट में आप हमेशा आक्रामक शॉट नहीं खेल सकते।