वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर ड्वेन ब्रावो ने अपने छोटे वनडे और टेस्ट करियर के लिए वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड में राजनीति को आरोपी ठहराया है। ब्रावो ने 2010 में आखिरी बार टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व किया था। वहीं त्रिनिदाद के खिलाड़ी ने 2014 में भारत के खिलाफ अपना आखिरी वनडे मैच खेला था।
विंडीज क्रिकेट यूट्यूब चैनल पर सैमुअल बद्री के साथ बातचीत करते हुए ड्वेन ब्रावो ने राष्ट्रीय टीम के लिए ज्यादा टेस्ट नहीं खेलने पर निराशा जाहिर की।
ब्रावो ने कहा, 'जब मेरी बात आती है, मेरे करियर में राजनीति ने बड़ी भूमिका निभाई। जब मैंने टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू किया तो यह मेरा सपना था। यह किसी भी युवा क्रिकेटर का सपना होता है। टेस्ट क्रिकेट में मेरे अपने पल रहे। मैं लंबे समय खेलना पसंद करता। मगर मेरा मानना है कि मेरा टेस्ट करियर कम समय में रूक गया। 26 साल की उम्र में मुझे लगा कि क्रिकेट को काफी कुछ दे सकता था। चूंकि स्थिति मेरे नियंत्रण में नहीं थी, तो मैं अपने टेस्ट करियर को जारी नहीं रख पाया।'
37 साल के ब्रावो ने वनडे क्रिकेट में 200 विकेट पूरे नहीं करने पर निराशा जाहिर की। ब्रावो वनडे क्रिकेट में कर्टली एंब्रोज और कर्टनी वॉल्श के बाद 200 वनडे विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज बनते। ब्रावो ने कहा, 'मुझे एक मलाल है कि 200 वनडे विकेट लेने से केवल एक विकेट से चूक गए। मैं 200 वनडे विकेट लेने वाला वेस्टइंडीज का तीसरा खिलाड़ी बनता। फिर वही, मुझे मौका ही नहीं दिया गया।'
ड्वेन ब्रावो ने 40 टेस्ट और 164 वनडे में वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व किया है। ऑलराउंडर ने पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी टी20 इंटरनेशनल मैच से पहले घोषणा की थी कि ये उनका घरेलू जमीन पर आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच होगा। वह इस साल टी20 विश्व कप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेंगे।
ब्रावो का विंडीज क्रिकेट बोर्ड के साथ मुश्किल रिश्ता रहा
ड्वेन ब्रावो ने खिलाड़ियों से रिश्तें और क्षतिपूर्ति के बारे में हमेशा अपनी आवाज उठाई। इससे ब्रावो के वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के साथ रिश्ते में खटास आ गई। चीजें तब और बिगड़ी जब ड्वेन ब्रावो के नेतृत्व में वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम ने 2014 में भारत का दौरा बीच में ही छोड़ दिया था। ब्रावो को इसके बाद कभी वनडे क्रिकेट में मौका नहीं दिया गया।
ब्रावो ने टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन बोर्ड के साथ लगातार विवाद के कारण उन्होंने 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी थी। 2019 में क्रिकेट बोर्ड के प्रशासन में बदलाव के बाद ब्रावो ने अपने फैसले पर यू-टर्न लिया और टी20 टीम में वापसी की।
ब्रावो ने कहा, 'मैं वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहा। इसलिए वापसी करके मैं बहुत खुश हूं और टी20 प्रारूप के इस दूसरे चरण में खेल रहा हूं।'
वेस्टइंडीज अब टी20 विश्व कप से पहले कोई और टी20 इंटरनेशनल मैच नहीं खेलेगी। वेस्टइंडीज के टी20 विश्व कप अभियान में फैंस आखिरी बार ड्वेन ब्रावो को इंटरनेशनल क्रिकेट में खेलते हुए देख पाएंगे।