WTC Final : 'मेरे लिए अश्विन को बाहर करना बहुत मुश्किल होता' - पूर्व भारतीय कप्तान ने दी तीखी प्रतिक्रिया

India v New Zealand - ICC World Test Championship Final: Day 2
India v New Zealand - ICC World Test Championship Final: Day 2

भारत (Indian Cricket Team) और ऑस्ट्रेलिया (Australia Cricket Team) के बीच बुधवार से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का आगाज हो चुका है। इंग्लैंड के ओवल मैदान में खेले जा रहे इस मुकाबले में भारत ने अपने आखिरी 11 में अपने सबसे बड़े स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) को शामिल नहीं किया है, जिसके बाद रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और टीम मैनेजमेंट के इस निर्णय पर चारों ओर से सवाल उठने लगे है।

भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने भी अश्विन को अंतिम एकादश से बाहर रखने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। गांगुली ने कहा है कि अगर वो कप्तान होते तो इस मैच के लिए अश्विन को बाहर बैठाना उनके लिए सबसे मुश्किल होता।

ये लगातार छठा मौका है जब अश्विन को इंग्लैंड में खेले गए टेस्ट मैच में अंतिम 11 में जगह नहीं दी गई। उन्हें 2021–22 में हुई 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में भी एक भी मैच में खेलना का मौका नहीं मिला था।

रोहित शर्मा ने इस बड़े फाइनल में टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। उन्होंने अपनी प्लेइंग 11 में 4 तेज गेंदबाजों को जगह दी, जिसमें मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी, उमेश यादव और शार्दुल ठाकुर शामिल है। स्पिनर के तौर पर रवीन्द्र जडेजा को चुना गया। मगर पहले दिन का खेल खत्म होने तक रोहित शर्मा का ये निर्णय सही साबित होता हुए नहीं दिखा, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन ही बोर्ड पर 3 विकेट पर 327 रन बना लिए।

मेरे लिए अश्विन को बाहर करना बहुत मुश्किल होता - सौरव गांगुली

लंच सत्र के दौरान प्रसारणकर्ताओं के साथ बातचीत करते हुए, सौरव गांगुली ने कहा कि अलग-अलग कप्तानों की अलग-अलग सोच होती है, मगर व्यक्तिगत तौर पर उनके लिए अश्विन को बाहर करना बहुत मुश्किल होता।

यह एक बाद की सोच है और मैं क्रिकेट में बाद की सोच पर विश्वास नहीं करता हूँ। कप्तान के रूप में, आप टॉस से पहले ही एक निर्णय लेते हैं और भारत ने यह निर्णय लिया कि वे फील्ड करेंगे और यहीं कारण है कि वो 4 तेज गेंदबाजों के साथ गए। इसके बावजूद, पिछले कुछ सालों में, उन्होंने इन परिस्तिथियोंं में 4 तेज गेंदबाजों के साथ सफलता प्राप्त की है। वे 4 तेज गेंदबाजों के साथ टेस्ट मैच जीत चुके हैं। अगर आप मुझसे पूछेंगे, और अगर मैं कप्तानी कर रहा होता। हर कप्तान अलग होता है। रोहित अलग है, मैं अलग सोच रखता हूं। मगर मेरे लिए अश्विन की क्वालिटी के स्पिनर को अंतिम 11 से बाहर रखना बहुत मुश्किल होता।

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