ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज (AUS vs PAK) में पाकिस्तान के कप्तान शान मसूद (Shan Masood) के फैसलों की काफी तारीफ हुई लेकिन सिडनी टेस्ट के चौथे दिन उनका एक फैसला सवालों के घेरे में रहा। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के दौरान गेंद से जबरदस्त प्रदर्शन करने वाले आमिर जमाल (Aamer Jamal) को छोटे लक्ष्य के बावजूद शुरुआत में गेंदबाजी नहीं दी गई और उन्हें लंच के बाद गेंदबाजी पर लाया गया, तब तक मेजबानों ने अपनी पकड़ मैच में मजबूत कर ली थी। जमाल को देर से गेंदबाजी पर लाने के फैसले को लेकर टीम के डायरेक्टर मोहम्मद हफीज (Mohammad Hafeez) ने अपना पल्ला झाड़ लिया और इसे पूरी तरह से कप्तान का फैसला बताया।
सीरीज के तीसरे और आखिरी टेस्ट में पाकिस्तान की दूसरी पारी 115 रनों पर सिमट गई और ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 130 रनों का छोटा लक्ष्य मिला। इस सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने के मामले में दूसरे स्थान पर रहने वाले आमिर जमाल को सुबह गेंदबाजी नहीं दी गई।
लंच के बाद, जब ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 33 रन चाहिए थे और उसके नौ विकेट बाकी थे, तब 20वें ओवर में मसूद ने उन्हें गेंदबाजी का मौका दिया। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में जमाल को 3.5 ओवर ही गेंदबाजी को मिले। ऑस्ट्रेलिया ने आसानी के साथ 26वें ओवर में 130/2 का स्कोर बनाकर आठ विकेट से जीत दर्ज कर ली और सीरीज 3-0 से अपने नाम की।
मैच के बाद, प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोहम्मद हफीज ने शान मसूद के फैसले से खुद को दूर रखा लेकिन साथ ही कहा कि पाकिस्तान ऐसे विकेट पर ऑफ स्पिन गेंदबाजी के महत्व को समझता है जहां काफी टर्न मिलना शुरू हो गया था और उन्होंने मसूद का मैदान पर लिए गए फैसले के लिए समर्थन किया। हफीज ने कहा,
यह कप्तान पर निर्भर करता है, सभी गेंदबाज उपलब्ध थे लेकिन यह कप्तान की रणनीति है। हम ऑफ स्पिनर से अधिक गेंदबाजी कराना चाहते थे क्योंकि यह पिच काफी मददगार हो सकती थी लेकिन बाकी सब (मसूद) पर निर्भर था। रणनीतिक रूप से, मुझे लगता है कि जमाल को पहले गेंदबाजी करनी चाहिए थी, लेकिन मैदान के अंदर, कप्तान सबसे अच्छा जज होता है, इसलिए आपको इसका समर्थन करना होगा।
आपको बता दें कि आमिर जमाल ने सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के दौरान 21.4 ओवर में 69 रन देकर छह विकेट अपने नाम किये थे। वहीं सीरीज में 20.44 की औसत से 18 विकेट झटके।