"थोड़ा और आक्रामक हो सकते थे" - चेतेश्वर पुजारा की पारी को लेकर दिग्गज ने दी प्रतिक्रिया 

India v Australia - 3rd Test: Day 2
India v Australia - 3rd Test: Day 2

इंदौर टेस्ट (IND vs AUS) के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की दूसरी पारी में एकमात्र बल्लेबाज जो डटकर सामना करते नजर आये, वो चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) थे। उन्होंने एक जुझारू अर्धशतकीय पारी खेली। हालाँकि, पूर्व भारतीय विकेटकीपर पार्थिव पटेल का मानना है कि दिग्गज बल्लेबाज अपनी पारी के दौरान थोड़ा और अधिक आक्रामक हो सकते थे।

चेतेश्वर पुजारा दूसरे सेशन में 15 के स्कोर पर शुभमन गिल के विकेट के बाद आये। उन्होंने काफी संयम दिखाते हुए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का सामना किया। उन्होंने लगातार गिरते विकेटों के बीच एक छोर थामे रखा और अपने करियर का 35वां अर्धशतक भी पूरा किया। हालाँकि, तीसरे सेशन में पुजारा कुछ ज्यादा ही रक्षात्मक रवैया अपनाये हुए थे और इसी वजह से ड्रेसिंग रूम से कप्तान रोहित शर्मा ने इशान किशन के माध्यम से आक्रामक खेलने का मैसेज भी दिया था। पुजारा ने इसके बाद एक बड़ा छक्का लगाया लेकिन वह ज्यादा देर नहीं टिके और 142 गेंदों में 59 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। उनकी पारी में पांच चौके और एक छक्का आया।

पार्थिव पटेल ने भी रोहित शर्मा के मैसेज का उल्लेख किया और कहा कि पुजारा के पास अपने कप्तान की बात सुनने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि पुजारा को तेजी से रन बनाने पर ध्यान देना चाहिए था, क्योंकि सर्किल के अंदर ऑस्ट्रेलिया के बहुत सारे फील्डर थे। उनके मुताबिक टेस्ट में काफी समय बचा था, उस समय रन बनाना सही काम था।

चेतेश्वर पुजारा के पास आक्रमण करने की काबिलियत है - पार्थिव पटेल

पूर्व भारतीय विकेटकीपर के मुताबिक पुजारा के पास आक्रामक बल्लेबाजी की काबिलियत है, जो उन्होंने नाथन लायन के खिलाफ छक्का मारकर दिखाई। दूसरे दिन के खेल के बाद क्रिकबज पर बात करते हुए पार्थिव ने कहा ,

आपको कप्तान के निर्देशों को सुनना होगा। आपके पास कोई विकल्प नहीं है। ऐसा मैसेज भेजते समय रोहित के दिमाग में भी कुछ जरूर आया होगा। वह जानता थे कि रन महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि टेस्ट में अभी काफी समय बाकी था। मैसेज इसलिए भी भेजा गया क्योंकि उस दौरान ऑस्ट्रेलिया ने सर्किल के अंदर काफी फील्डर ले रखे थे। पुजारा ने दिखाया कि वह आक्रामक हो सकते हैं। उन्हें इसे बहुत अधिक करने की जरूरत नहीं, लेकिन वह थोड़ा और आक्रामक हो सकते थे क्योंकि विकेट नियमित अंतराल पर गिर रहे थे और रन बनाना बहुत महत्वपूर्ण था।

चेतेश्वर पुजारा भारतीय पारी में आठवें विकेट के रूप में 155 के स्कोर पर आउट हुए और उसके बाद पूरी टीम 169 रन बनाकर ढेर हो गई। तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 76 रन बनाने हैं।

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