Vaibhav Suryavanshi Child Labour Debate: राजस्थान रॉयल्स के लिए IPL का वर्तमान सीजन काफी निराशाजनक बीत रहा है। टीम को अब तक खेले दोनों मैचों में हार मिली है। RR की टीम में बल्लेबाजी में गहराई की कमी दिख रही है और प्लेइंग इलेवन में वे केवल छह बल्लेबाजों के साथ ही उतर पा रहे हैं। इस बीच एक युवा विस्फोटक बल्लेबाज लगातार बेंच पर बैठा है। अब इसी को लेकर एक नई बहस सामने आ रही है। दरअसल फ्रेंचाइजी के लिए चाइल्ड लेबर (18 साल से कम के बच्चों से काम कराना) का आरोप लग रहा है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
RR ने नीलामी में केवल 13 साल के वैभव सूर्यवंशी को 1.10 करोड़ रूपये में खरीदा था। हाल ही में उन्होंने अपना 14वां जन्मदिन RR की टीम के साथ ही मनाया है। इस खिलाड़ी को अब तक खेलने का मौका नहीं मिला है। वह अपनी टीम के लिए वाटरब्वॉय (साथी खिलाड़ियों को पानी पिलाने वाला) का काम कर रहे हैं। ऐसा करना आम बात है और ये सभी खिलाड़ी करते आए हैं। हालांकि, सोशल मीडिया पर इसे चाइल्ड लेबर बताकर एक नई बहस शुरू कर दी गई है। लोगों का कहना है कि केवल 14 साल के इस खिलाड़ी के साथ फ्रेंचाइजी को ऐसा नहीं करना चाहिए।
जहां एक तबका ऐसा है जो इस मामले को गंभीर बताते हुए सीरियस बहस छेड़ रहा है तो वहीं कुछ लोग इसे हंसी-मजाक के तौर पर ले रहे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ कमेंट ऐसे भी दिख रहे हैं कि राजस्थान तो वैसे ही छोटी उम्र में बड़े काम करने के लिए मशहूर है। यहां लोग वयस्क हुए बिना शादी कराए जाने की बात कर रहे हैं। कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि जहां बात पैसे की आ जाती है वहां चाइल्ड लेबर नहीं दिखाई देता है। इसका एक उदाहरण मनोरंजन जगत भी है जिसमें बहुत कम उम्र के बच्चे भी काम करते दिखते हैं। हालांकि, ये बहस बेबुनियादी और गैरजरूरी लग रही है। वैभव एक स्पोर्ट टीम का हिस्सा हैं जिसमें हर कोई बराबर होता है। यहां उम्र की जगह स्किल के आधार पर लोगों का वर्गीकरण होता है।