Ranjan Madugalle first Match Referee to officiate in 400 Men’s ODIs: श्रीलंका और भारत (SL vs IND) के बीच कोलंबो में खेले जा रहे तीसरे वनडे मुकाबले में पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर रंजन मदुगले ने मैच रेफरी के तौर पर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की, जिसके लिए आईसीसी के साथ-साथ श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने भी उन्हें बधाई दी है।
400वें वनडे मैच में रेफरी की भूमिका निभा रहे हैं रंजन मदुगले
दरअसल, रंजन मदुगले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अंपायर और रेफरी की भूमिका निभा रहे हैं। भारत और श्रीलंका के बीच हो रहे मैच में आज रंजन मदुगले 400वें वनडे मैच में रेफरी की भूमिका निभा रहे हैं। इस उपलब्धि को हासिल करने वाले वह आईसीसी के पहले रेफरी हैं।
इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर क्रिस ब्रॉड हैं, जिन्होंने 361 वनडे मैचों में रेफरी की भूमिका निभाई है। न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर जेफ क्रो तीसरे स्थान पर काबिज है, जो 329 मैचों में रेफरी के तौर पर काम कर चुके हैं।
पूर्व पाकिस्तानी अंपायर अलीम दार चौथे नंबर पर हैं। उन्होंने 299 वनडे मैचों में अंपायरिंग की। भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज जवगल श्रीनाथ भी पिछले लम्बे से अंतरराष्ट्रीय मैचों में मैच रेफरी के तौर पर नजर आते रहे हैं। वह इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर हैं। श्रीनाथ 268 मैचों में रेफरी के तौर पर नजर आ चुके हैं।
आईसीसी ने रंजन मदुगले को 400 पुरुष वनडे मैचों में रेफरी बनने पर बधाई दी है। इस उपलब्धि को यादगार बनाने के लिए मदुगले को आईसीसी और श्रीलंका से एक खास भेंट भी मिली है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अंपायरिंग करना मेरे लिए सम्मान की बात
इस बड़ी उपलब्धि को हासिल करने पर मदुगले ने कहा, इतने सालों तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अंपायरिंग करना मेरे लिए बहुत सम्मान और सौभाग्य की बात रही है और इस मुकाम तक पहुंचना लगभग सपने जैसा है। मुझे क्रिकेटर के तौर पर अपने समय के बाद खेल से जुड़ने का मौका मिला तो मैं बहुत खुश था, लेकिन कभी नहीं सोचा था कि यह तीन दशकों से भी ज़्यादा लंबा हो जाएगा। इस दौरान मुझे दुनिया भर में और कई वर्ल्ड कप में अंपायरिंग करने का मौका मिला और मैंने हर पल का लुत्फ उठाया।'
उन्होंने आगे कहा कि मैं इस अवसर पर आईसीसी, श्रीलंका क्रिकेट और अपने सहकर्मियों को उनके समर्थन और दोस्ती के लिए धन्यवाद कहना चाहता हूं जिनके साथ मैंने वर्षों तक काम किया है। साथ ही अपने परिवार और दोस्तों को भी, जिनके समर्थन के बिना यहां तक पहुंच पाना संभव नहीं होता।