रणजी ट्रॉफी 2019-20 फाइनल के पांचवें दिन सौराष्ट्र के लिए अच्छी खबर आई। 73 वर्षों के इतिहास में उन्हें पहली बार खिताबी जीत मिली। दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए सौराष्ट्र ने चार विकेट पर 105 रन बनाए और मैच ड्रॉ घोषित हो गया। पहली पारी में मिली 44 रन की बढ़त के कारण सौराष्ट्र को ख़िताब जीतने वाली टीम घोषित किया गया।
बंगाल की टीम पहली पारी में 381 रन बनाकर सिमट गई और सौराष्ट्र के पहली पारी के स्कोर से 44 रन पीछे रही। बंगाल के लिए सुदीप चटर्जी, रिद्धिमान साहा, अनुस्तुप मजुमदार ने अर्धशतक जड़े। सौराष्ट्र के लिए पहली पारी में धर्मेन्द्र सिंह जडेजा ने सबसे अधिक तीन विकेट चटकाए। उनके अलावा कप्तान जयदेव उनादकट और प्रेरक मांकड़ ने 2-2 विकेट हासिल किये।
यह भी पढ़ें: आईपीएल 15 अप्रैल तक रद्द किया गया
दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने के लिए आई सौराष्ट्र की टीम को खिताब मिलने की पूरी उम्मीद थी। हार्विक देसाई 21 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद विश्वराज जडेजा भी 17 रन जे निजी स्कोर पर चलते बने। सौराष्ट्र के बल्लेबाज जानते थे कि चायकाल तक क्रीज पर टिकने से मैच ड्रॉ होगा और हमारी टीम विजेता बनेगी। इसको ध्यान में रखते हुए अवि बरोट ने 102 गेंदों का सामना करते हुए 39 रन बनाए। अर्पित वसावडा ने तीन रन बनाए और शेल्डन जैक्सन 12 रन बनाकर नाबाद लौटे। बंगाल के लिए दूसरी पारी में शहबाज अहमद ने दो विकेट चटकाए। सौराष्ट्र ने पहली पारी में 425 रन बनाए थे।
मैच ड्रॉ की घोषणा होते ही सौराष्ट्र के खिलाड़ी मैदान पर आ गए और जश्न मनाना शुरू कर दिया। इस टीम ने पहले भी तीन बार फाइनल में जगह बनाई लेकिन खिताब इस बार मिला जिसकी ख़ुशी उनके चेहरों से देखी जा सकती थी। सौराष्ट्र के लिए पहली पारी में शतक बनाने वाले अर्पित वसावडा को मैन ऑफ़ द मैच घोषित किया गया।