टीम इंडिया (India Cricket team) के पूर्व कप्तान रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने कहा कि वह भारत में खेल सट्टेबाजी को वैध बनाने के समर्थन में है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि देश राजस्व उत्पन्न करने का एक शानदार तरीका पकड़े और केवल अधिकारियों को आधिकारिक तरीकों से इस पर नजर रखने में मदद करेगा।
भारत में इस समय खेल सट्टेबाजी गैरकानूनी है। 2018 में, भारत के विधि आयोग ने खेलों में विनियमित सट्टेबाजी और जुआ गतिविधियों को वैध बनाने की सिफारिश की थी। इसमें यह भी कहा गया कि बीसीसीआई के प्रयास 'अवैध और भूमिगत सट्टेबाजी के खतरे से निपटने के लिए अप्रभावी और अपर्याप्त हैं।
लीगल फ्रेमवर्क: गेंबलिंग एंड स्पोर्ट्स बेटिंग इन्क्लूडिंग इन क्रिकेट इन इंडिया नामक रिपोर्ट में कहा गया, 'पूर्ण प्रतिबंध लगाने में नाकाम रहने का परिणाम यह है कि गैरकानूनी गैंबलिंग बढ़ गई है। इससे काला धन बढ़ रहा है और जगह-जगह घूम रहा है। इस तरह की गतिविधियों को पूरी तरह हटाने की संभावना नहीं है तो इसे लागू करना सही विकल्प नजर आता है।'
विधि आयोग ने साथ ही सिफारिश की थी कि जुआ को दो श्रेणी में बाट दो- प्रोपर जुआ और छोटा जुआ।
रवि शास्त्री ने सट्टेबाजी पर क्या कहा
रवि शास्त्री से पूछा गया कि वह भारत में खेल सट्टेबाजी को करने के पक्ष में है या विपक्ष में। भारतीय टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने कहा कि वह खेल में सट्टेबाजी को कानूनी बनाने के पक्ष में हैं।
शास्त्री ने कहा कि अन्य देशों को टैक्स के मामले में फायदा मिल रहा है और इससे सरकार की खूब कमाई हो रही है। उनका मानना है कि जितना ज्यादा अधिकारी इसे रोकेंगे, सट्टेबाजी किसी और तरह बढ़ती ही जाएगी। इसलिए बेहतर होगा कि सट्टेबाजी को कानूनी बनाएं।
शास्त्री ने कहा, 'मेरे ख्याल से यह सरकार को गजब का राजस्व देगा। टैक्स के मामले में यह इस पल दुनिया का जरिया है। आज जितना ज्यादा इसे रोकने की कोशिश करोगे, यह अन्य चैनलों से आपके मुंह पर आएगा। मेरे ख्याल से यह बहुत जरूरी है कि इसे सही तरीके से कानूनी बनाया जाए और आधिकारिक व सही तरीके से करने के लिए यह अच्छा मंच है।'