टेस्ट क्रिकेट को हमेशा से ही धैर्यपूर्वक और अधिक जोखिम न उठाने वाले फॉर्मेट माना गया है लेकिन लगभग पिछले एक साल से इंग्लैंड ने अपना एक नया एप्रोच दिखाया है और वो बेहद ही आक्रामक तरीके से बल्लेबाजी करते हैं। उनके इस एप्रोच को बैजबॉल कहा जाता है क्योंकि टीम का ये अंदाज मौजूदा हेड कोच ब्रेंडन मैकलम (Brendon McCullum) के आने से ही नजर आया है और उनका निकनेम भी बैज है। बैजबॉल को लेकर काफी चर्चा देखने को मिली है और अब इसको लेकर दिग्गज भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने भी अपने विचार व्यक्त किये हैं। अश्विन के मुताबिक कुछ पिचों पर बैजबॉल काम नहीं आएगा।
इंग्लैंड ने कप्तान बेन स्टोक्स और ब्रेंडन मैकलम की जोड़ी की अगुवाई में निडर क्रिकेट खेला है और इसके उन्हें कई फायदे भी मिले हैं। इंग्लैंड ने इस जोड़ी के आने के बाद से दस से ज्यादा टेस्ट मैचों में सिर्फ एक मुकाबला गंवाया है। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को उसी की सरजमीं पर क्लीन स्वीप भी किया था।
कुछ पिचों पर परिस्थितियों का सम्मान करने की जरूरत होती है - रविचंद्रन अश्विन
एनडीटीवी के हवाले से अश्विन ने कहा कि कुछ पिचों पर बैजबॉल असफल हो सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ विशेष पिचों पर आपको परिस्थितियों का सम्मान करने की जरूरत होती है और जब आप पिच का सम्मान करते हैं तो इसका आपको फायदा भी मिलता है। ऑफ स्पिनर ने कहा,
अब हमारे पास बैजबॉल नाम का एक कॉसेप्ट है। इंग्लैंड तेजी के साथ टेस्ट मैच क्रिकेट खेल रहा है। वे एक खास शैली की क्रिकेट खेलना चाहते हैं। लेकिन कुछ खास तरह के विकेटों पर जब आप हर गेंद पर आक्रमण करने की कोशिश करते हो तो आप लड़खड़ा जाते हो। इस दृष्टिकोण के फायदे और नुकसान दोनों हैं।
कुछ लोग कहेंगे कि हम डिफेंड करके 100 पर ऑलआउट होने के बजाय मारकर 140 पर आउट होना पसंद करेंगे। हमें तभी पता चलेगा जब गेम खत्म हो जाएगा कि एप्रोच काम करता है या नहीं। कभी-कभी, विकेट पर, परिस्थितियों का सम्मान करने की आवश्यकता होती है। अगर आप पिच का सम्मान करते हैं और उसी के अनुसार खेलते हैं तो पिच भी आपका सम्मान करेगी। अगर आप पिच का सम्मान करते हो तो इससे आपको फायदा होगा।
इंग्लैंड का नया एप्रोच काफी हद तक काम आ रहा है लेकिन उनकी असली चुनौती आगामी एशेज सीरीज में होगी, जहाँ ऑस्ट्रेलिया के पास एक मजबूत गेंदबाजी आक्रमण होगा।