Ashwin in controversy after statement on Hindi: रविचंद्रन अश्विन ने जब से इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया है तब से वह किसी न किसी कारण से लगातार चर्चा में बने हुए हैं। संन्यास लेने के बाद अश्विन के पास काफी समय है जिस वजह से वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने के साथ ही सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा ले रहे हैं। अश्विन को एक प्राइवेट कॉलेज ने अपने ग्रेजुएशन समारोह के लिए आमंत्रित किया था और इस दौरान उन्हें स्टेज पर जाकर कुछ कहने के लिए बोला गया। इसी दौरान अश्विन ने कुछ ऐसा बोल दिया जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर उनकी खूब किरकिरी हो रही है।
दरअसल अश्विन जब अपने भाषण की शुरुआत कर रहे थे तो उन्होंने सबसे पहले पूछा कि यहां पर इंग्लिश सुनने वाले लोग कितने हैं। इस पर बहुत खास प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन जब उन्होंने पूछा कि तमिल में कौन-कौन सुनना चाहेगा तो ऐसा लगा कि सबने एक साथ चिल्लाया हो और इस पर काफी अच्छी प्रतिक्रिया थी। अश्विन ने यह भी पूछा की हिंदी में कौन सुनना चाहेगा तो इस पर शायद ही किसी ने आवाज उठाई हो। इसके बाद अश्विन ने कहा, "हिंदी बस एक आधिकारिक भाषा है और हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है।"
अश्विन के यही कहने को लेकर ही अब सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंट गया है। जहां तमिल पसंद करने वाले लोग अश्विन की तारीफ कर रहे हैं तो वही हिंदी भाषी लोग अश्विन को निशाने पर ले रहे हैं। लगातार लोग अश्विन को यह भी नसीहत दे रहे हैं कि उन्हें भाषा को लेकर इस तरह की चीज नहीं करनी चाहिए क्योंकि हिंदी काफी अधिक इस्तेमाल होने वाली भाषा है। कुछ लोगों ने अश्विन को निशाने पर लेते हुए यह भी याद दिलाया है कि उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में जो कुछ भी हासिल किया है उसका काफी अधिक हिस्सा हिंदी भाषी क्षेत्र से ही है।
अश्विन के क्रिकेट करियर की बात करें तो उन्होंने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज के बीच में ही संन्यास ले लिया था और वापस भारत लौट आए थे। उनके संन्यास के पीछे कुछ बड़ी वजह जरूर है, लेकिन अश्विन अभी इस पर बोलने से बच रहे हैं।