ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने एशेज श्रृंखला के पहले दिन खराब अंपायरिंग को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आईसीसी को बड़े टूर्नामेंटों में तटस्थ अंपायरों को रखने के फैसले पर विचार करने को कहा है।
गौरतलब है कि अंपायर अलीम डार और जोएल विल्सन ने शुक्रवार को एशेज सीरीज के पहले टेस्ट मैच के पहले दिन बेहद खराब अंपायरिंग की। ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी के दौरान उनके कई कॉल डीआरएस के साथ बदले गए। इंग्लिश और ऑस्ट्रेलियाई अंपायर आईसीसी के अंपायरों के एलीट पैनल में हावी हैं, लेकिन उन्हें एशेज के लिए खारिज कर दिया गया है।
पोंटिंग ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की वेबसाइट (cricket.com.au) से कहा, ''मुझे लगता है कि क्रिकेट का खेल अब इतनी दूर आ गया है कि इस खेल में तटस्थ अंपायरों की जरूरत नहीं पड़ने वाली है। लोग कह सकते हैं कि टेक्नोलॉजी का साथ हमारे पास है, लेकिन हकीकत यह है कि इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। यह एक अच्छा खेल नहीं रह जाता है जब किसी मैच में बहुत सारे स्पष्ट रूप से गलत निर्णय लिए जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में डीआरएस के बारे में बहुत नकारात्मक कहा गया है, लेकिन हम बहुत भाग्यशाली है कि हमारे पास यह कल रात था''।
एमसीसी में क्रिकेट समिति के संरक्षक पोंटिंग ने कहा कि वे इस मामले को अगली एमसीसी बैठक में उठाएंगे।उन्होंने कहा, "पहले ही खिलाड़ियों के बीच इसके बारे में बात की गई है। अगर अगली मीटिंग में यह मसला नहीं उठाया जाता है, तो मैं यह मुद्दा एजेंडे में जोड़ने पर जोर दूंगा। निश्चित रूप से रिचर्ड कैटलबरा (इंग्लैंड) और बाकी एलीट अंपायर इस सीरीज में अंपायरिंग करना चाहते होंगे।
गौरतलब है कि अंपायरिंग के मुद्दे पर बहस पिछले कई हफ़्तों से चल रही है। हाल ही में समाप्त हुए विश्व कप फाइनल में श्रीलंका के अंपायर कुमार धर्मसेना ने इंग्लैंड को गलती से एक रन ज्यादा दे दिया था। यह अंत मे निर्णायक साबित हुआ क्योंकि इंग्लैंड ने मैच टाई करके बाउंड्री के आधार पर विश्व कप जीत लिया था।
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