ऑस्ट्रेलियाई टीम के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर (David Warner) के टेस्ट फ्यूचर को लेकर पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने चौंकाने वाली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगर वॉर्नर ने सिडनी में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच के बाद ही संन्यास से लिया होता तो फिर ज्यादा अच्छा होता। पोंटिंग के मुताबिक ये वॉर्नर का 101वां टेस्ट मुकाबला था और उन्हें उसी वक्त संन्यास का ऐलान कर देना चाहिए था।
डेविड वॉर्नर का प्रदर्शन भारत के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो मैचों में अच्छा नहीं रहा। नागपुर टेस्ट में बाएं हाथ का यह बल्लेबाज दोनों पारियों में सिर्फ 11 रन बना पाया था, जबकि दूसरे टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 15 रन बनाये थे। वॉर्नर के सिर पर दिल्ली टेस्ट के पहले दिन के खेल के दौरान बल्लेबाजी करते हुए गेंद लग गई थी। इसके बाद कनकशन रिप्लेसमेंट के तौर पर उनकी जगह मैट रेनशॉ को शामिल किया गया था। उनकी ये चोट इतनी गहरी थी कि उन्हें पूरी सीरीज से ही बाहर होना पड़ा था। वो वापस सिडनी लौट चुके हैं।
डेविड वॉर्नर को 101वें टेस्ट मैच के बाद संन्यास ले लेना चाहिए था - रिकी पोंटिंग
रिकी पोंटिंग के मुताबिक डेविड वॉर्नर के पास पूरा मौका था कि वो सिडनी टेस्ट मैच के बाद सम्मान के साथ विदाई लेते। आरएसएन क्रिकेट से बातचीत में उन्होंने कहा,
डेविड वॉर्नर को उस सम्मान के साथ विदाई मिलना चाहिए जिसके वो हकदार हैं। मेरे हिसाब से वो सिडनी टेस्ट मैच के बाद संन्यास ले सकते थे। मेलबर्न में उन्होंने 200 रन बनाए थे और अपना 100वां टेस्ट मुकाबला खेला था। इसके बाद अपने होम ग्राउंड सिडनी में उन्होंने 101वां मुकाबला खेला था और शायद वहीं पर वो इस फॉर्मेट को अलविदा बोल सकते थे। उन्हें घर से बाहर टूर के बीच में ही बाहर होना पड़ा है और अगर इस तरह से उनका करियर खत्म होता है तो ये बिल्कुल भी अच्छा नहीं होगा।