भारतीय टीम में विकेटकीपर की बात की जाती है, तो हमेशा एक ही नाम सबसे पहले जो आता है वो पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का ही है। हाल के समय में धोनी जरूर टीम का हिस्सा नहीं है, लेकिन फिर भी मैच दर मैच उनकी कमी टीम को लगातार खल रही है। यह बात लगातार साफ हो रही है कि धोनी की कमी को पूरा करना इतना आसान नहीं होने वाला है और भविष्य भी काफी उज्जवल नजर नहीं आ रहा है।
2019 वर्ल्ड कप के बाद लगातार टीम मैनेजमेंट ऋषभ पंत को मौके दे रही है, लेकिन जिस तरह का प्रदर्शन इस युवा खिलाड़ी का रहा है उसे देखते हुए भविष्य के लिए ज्यादा उम्मीद नहीं जग रही है। पंत ने 2017 में भारत के लिए अपना अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला खेला था, लेकिन अभी तक वो अपने अंदर वो सुधार नहीं लेकर आ पाए जोकि टीम मैनेजमेंट से उनसे उम्मीद कर रही है।
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पंत को इस साल हुए विश्व कप में भी मौका मिला था, जहां उन्होंने कुछ अच्छी पारियां खेली थी और उसके बाद ऐसा लगा था कि वो आगे जाकर भारतीय टीम के नंबर 1 विकेटकीपर बनेंगे। हालांकि विश्वकप के बाद से पंत को जितने भी मौके मिले हैं, सिर्फ एक पारी को छोड़कर उन्होंने लगातार निराश ही किया है। पंत की सबसे बड़ी खामी उनके खेलने का रवैया है, खासकर जिस तरह से वो अपना विकेट फेंक कर जाते हैं।
पंत की फॉर्म या फिर उनकी काबिलियत पर कभी भी किसी को शक नहीं था, लेकिन वो अपने टैलेंट को प्रदर्शन को तब्दील करने में नाकाम रहे हैं। पंत ने वर्ल्ड कप के बाद 6 टी20 खेले हैं जिसमें उन्होंने 119 रन ही बनाए हैं। इस बीच उन्होंने सिर्फ 65 रनों की अर्धशतकीय पारी ही खेली है। इसके अलावा उन्होंने लगातार अपने विकेट गंवाए हैं।
बल्लेबाजी के साथ-साथ उनकी कीपिंग पर भी लगातार सवाल खड़े हुए हैं। खासकर जब कप्तान को डीआरएस लेना होता है, तो उसमें कीपर का महत्वपूर्ण रोल होता है। पंत इसमे भी लगातार विफल हुए हैं। हाल में दिल्ली टी20 में भी पंत ने विकेट के पीछे कुछ गलत फैसले टीम को काफी महंगे पड़े। दरअसल युजवेंद्र चहल के एक ही ओवर में मुशफिकुर रहीम को अंपायर ने एलबीडब्लू आउट नहीं दिया था, लेकिन रिप्ले में साफ तौर पर देखा जा सकता था कि वो आउट हैं। भारत अगर रिव्यू लेता तो वो आउट हो जाते हैं। इसके अलावा उन्होंने सौम्या सरकार के कैच के लिए रिव्यू ले लिया, जबकि रिप्ले में साफ तौर पर दिख रहा था कि उनका ऐज नहीं लगा था। इसी वजह से भारत ने अपना रिव्यू भी गंवा दिया।
इसके अलावा लगातार पंत की आलोचना पूर्व खिलाड़ी और फैंस तो कर ही रहे हैं, साथ ही में टीम मैनेजमेंट भी उनके रवैये से ज्यादा खुश नजर नहीं आई। विराट कोहली, रवि शास्त्री और बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर ने उनके लेकर बयान दिया। पंत को टेस्ट की प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया है, उनकी जगह ऋद्धिमान साहा को बेहतर विकेटकीपर होने के कारण मौका मिल रहा है।
संजू सैमसन और इशान किशन जैसे खिलाड़ी अपने मौकों का इंतजार कर रहे हैं और इसी वजह से पंत के पास शायद अब ज्यादा मौके नहीं है। पंत जिस तरह गैरजिम्मेदारी के साथ लगातार खेल रहे हैं,उसको देखते हुए ऐसा ही लग रहा है कि बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज उनके लिए आखिरी मौका हो सकता है।
भारतीय टीम इस समय अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप की तैयार कर रही है और निश्चित ही वो विकेटकीपर को लेकर फैसला लेना चाहेंगे और दूसरे खिलाड़ियों को बराबर मौके देने चाहेंगे।
नोट: इस आर्टिकल में लिखी गई बातें लेखक के निजी विचार हैं, जो स्पोर्ट्सकीड़ा के विचारों को प्रदर्शित नहीं करते